हिमाचल : टीचर की बेटी बनी बड़ी अफसर, किसानों-बागवानों के लिए करेंगी काम

पढ़ाई में हमेशा रहती थी अव्वल, स्कूल से ही मिल रही थी अच्छी पहचान

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Tanvi Sharma

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। शिक्षा, खेल, प्रशासन, चिकित्सा, विज्ञान और कला- हर क्षेत्र में हिमाचल की होनहार बेटियां प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। इनके संघर्ष और उपलब्धियां न केवल उनके परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इसी कड़ी में कुल्लू जिले की होनहार बेटी तनवी शर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से प्रदेश का नाम रोशन किया है।

एग्रीकल्चर ऑफिसर बनी गांव की बेटी

कुल्लू के अप्पर सुल्तानपुर में रहने वाली तनवी शर्मा का चयन बतौर कृषि अधिकारी हुआ है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। मूल रूप से बंजार की शैंशर घाटी से ताल्लुक रखने वाली तनवी ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है, जिससे वह प्रदेश की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

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टीचर हैं पिता, स्टाफ नर्स हैं मां

तनवी शर्मा का परिवार शिक्षित और जागरूक है। उनके पिता नारायण शर्मा सरकारी स्कूल में अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता भावना शर्मा स्टाफ नर्स हैं। माता-पिता दोनों ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े होने के कारण तनवी को हमेशा पढ़ाई के प्रति प्रेरित करते रहे। बचपन से ही तनवी एक मेधावी छात्रा रही हैं और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

पढ़ाई में हमेशा रही अव्वल

तनवी की प्रारंभिक शिक्षा कुल्लू के एक निजी स्कूल से हुई। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने के कारण उन्हें स्कूल के दिनों से ही पहचान मिलने लगी थी। बारहवीं कक्षा में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने नौणी विश्वविद्यालय, सोलन से एमएससी (कृषि विज्ञान) की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई शोध प्रोजेक्ट्स में भाग लिया और कृषि क्षेत्र में गहरी रुचि विकसित की।

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सफलता की ओर बढ़ते कदम

कृषि अधिकारी बनने के लिए तनवी ने कठिन परिश्रम किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान न केवल अकादमिक ज्ञान अर्जित किया, बल्कि प्रैक्टिकल अनुभव भी प्राप्त किया। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी पूरी लगन से जुटकर सफलता हासिल की। कृषि अधिकारी पद के लिए चयनित होने से पहले उन्होंने विभिन्न परीक्षाओं और साक्षात्कारों का सामना किया, जिसमें उनका आत्मविश्वास और ज्ञान ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बनी।

परिवार में खुशी का माहौल

तनवी शर्मा की सफलता से उनके परिवार में जश्न का माहौल है। माता-पिता को अपनी बेटी पर गर्व है और उन्होंने इस उपलब्धि के लिए तनवी के कठिन परिश्रम और धैर्य को श्रेय दिया। उनके पिता नारायण शर्मा ने कहा कि बचपन से ही तनवी पढ़ाई को लेकर गंभीर थी। उसकी मेहनत रंग लाई और आज वह कृषि अधिकारी बनकर प्रदेश की सेवा करने जा रही है।

वहीं, उनकी माता भावना शर्मा ने भावुक होते हुए कहा कि बेटी की सफलता से मेरा सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। हम हमेशा उसे सपोर्ट करते रहे और उसकी लगन ने उसे यह मुकाम दिलाया।

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बनीं बेटियों के लिए प्रेरणा

तनवी की इस उपलब्धि से उनके गांव शैंशर घाटी और आसपास के क्षेत्र में भी हर्ष का माहौल है। बंजार क्षेत्र में उनके चयन की खबर फैलते ही ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बधाइयां दीं। उनके अध्यापकों और दोस्तों ने भी उनकी मेहनत और लगन की सराहना की। आज के समय में, जब बेटियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं, तनवी शर्मा भी हिमाचल की उन होनहार लड़कियों में शामिल हो गई हैं जो अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर समाज में बदलाव ला रही हैं। उनके सफलता की कहानी अन्य बेटियों के लिए एक प्रेरणा है। उनका कहना है कि अगर लड़कियां ठान लें तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है। हमें अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए और मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए।

तनवी की नई जिम्मेदारियां

कृषि अधिकारी के रूप में तनवी शर्मा अब प्रदेश के किसानों के लिए काम करेंगी। उनके पास यह जिम्मेदारी होगी कि वे आधुनिक कृषि तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों को किसानों तक पहुंचाएं, जिससे वे बेहतर उत्पादन कर सकें। इसके अलावा, वह किसानों को जैविक खेती, सिंचाई, उर्वरकों के सही उपयोग और फसल सुरक्षा से जुड़ी जानकारी भी प्रदान करेंगी। उनका कहना है कि आज के दौर में किसानों को उन्नत तकनीकों की जरूरत है। मेरा उद्देश्य किसानों की समस्याओं को हल करना और कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाना है।

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लड़कियों को दिया संदेश

अपनी सफलता से तनवी ने यह संदेश दिया है कि यदि व्यक्ति लगन और ईमानदारी से मेहनत करे, तो कोई भी मंजिल कठिन नहीं होती। उन्होंने खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों को प्रेरित किया कि वे भी बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करें। उनका कहना है कि लड़कियों को अपने सपनों को सीमित नहीं करना चाहिए। अगर हम कड़ी मेहनत करें और पूरी ईमानदारी से प्रयास करें, तो सफलता जरूर मिलेगी।

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