#उपलब्धि
July 7, 2025
हिमाचल : किराने की दुकान चला मां ने खूब पढ़ाई बेटी, IIT दिल्ली में मिला दाखिला- बनेगी इंजीनियर
GATE परीक्षा उत्तीर्ण कर IIT दिल्ली में पाया स्थान
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मंडी। किसी ने क्या खूब लिखा है कि जज्बा हो तो पहाड़ भी झुक जाते हैं, हौसले बुलंद हों तो गांव की बेटी भी IIT पहुंच जाती है। इन्हीं शब्दों को साबित कर दिखाया है मंडी की बेटी तमन्ना ठाकुर ने- जिसने गेट परीक्षा में इतिहास रच दिया है।
जिला के कपाही गांव (लुहाखर) की तमन्ना ठाकुर ने यह साबित कर दिया है कि अगर मेहनत सच्ची हो और लक्ष्य स्पष्ट, तो कोई भी बाधा राह नहीं रोक सकती। तमन्ना ने GATE परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT दिल्ली में जियोटेक्निकल और जियो-एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग विषय में एमटेक में प्रवेश हासिल किया है।
तमन्ना की यह उपलब्धि सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरा मंडी जिला और हिमाचल प्रदेश गर्व से गौरवान्वित महसूस कर रहा है। आरकेएम पब्लिक स्कूल कपाही से अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने वाली तमन्ना ने हर कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा आगे रहीं।
उन्होंने बचपन से ही यह सपना देखा था कि वे देश के किसी बड़े इंजीनियरिंग संस्थान में पढ़ें और पर्यावरण व समाज के लिए कुछ सार्थक करें। उसी सपने को साकार करने के लिए तमन्ना ने गेट परीक्षा की तैयारी शुरू की-एक ऐसा इम्तिहान जिसे पास करना लाखों इंजीनियरों का सपना होता है।
तमन्ना ने बताया कि गेट की तैयारी के दौरान कई बार कठिनाइयां आईं। सीमित संसाधन, एक सामान्य ग्रामीण परिवेश और आत्म-अध्ययन के भरोसे ही उन्होंने ये लक्ष्य तय किया। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। तमन्ना का कहना है कि जब लक्ष्य स्पष्ट होता है, तो परिस्थितियां बाधा नहीं बनतीं, प्रेरणा बनती हैं।
तमन्ना की सफलता उनके परिवार के त्याग और समर्पण की भी कहानी है। उनके पिता पवन देवगन ठाकुर पेशे से पत्रकार और समाजसेवी हैं। वे लंबे समय से समाजहित से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, मां शशि ठाकुर अपने छोटे से व्यवसाय कन्फेक्शनरी की दुकान को संभालते हुए घर की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं।
तमन्ना की छोटी बहन भूमि, दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए इंग्लिश ऑनर्स कर रही हैं, जबकि छोटा भाई विहान अभी दूसरी कक्षा में पढ़ता है। यह परिवार सीमित संसाधनों में रहकर भी शिक्षा को सबसे बड़ा निवेश मानता है।
तमन्ना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और अपने स्कूल को दिया है। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझे कभी ये अहसास नहीं होने दिया कि हम सीमित संसाधनों में हैं। मेरी मां ने दुकान और घर दोनों संभाले ताकि मैं बिना किसी चिंता के पढ़ाई कर सकूं। मेरे स्कूल के शिक्षकों ने हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाया।"