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October 12, 2025
हिमाचल : गांव के बेटे को मिली विदेश में नौकरी, करेगा वर्क फ्रॉम होम- 10 लाख मिलेगा पैकेज
ऑन-कैंपस प्लेसमेंट में हासिल की आदर्श ने बड़ी सफलता
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सिरमौर। मेहनत वो चाबी है जो हर ताले को खोल देती है, जिसके इरादे मजबूत हों, किस्मत भी झुक कर बोल देती है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के होनहार युवा आदर्श ठाकुर ने ये बात एक बार फिर साबित कर दी है।
आदर्श ठाकुर नाहन उपमंडल के कोटड़ी बगाना गांव के रहने वाले हैं। पहाड़ी मिट्टी में पले-बढ़े इस युवक ने अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर विदेशी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर का पद हासिल किया है।
खास बात यह है कि आदर्श को ग्रीस की प्रतिष्ठित कंपनी से 10 लाख रुपये वार्षिक पैकेज की पेशकश मिली है- वह भी वर्क फ्रॉम होम के आधार पर। इस सफलता के साथ न केवल आदर्श का सपना साकार हुआ है, बल्कि सिरमौर जिले के युवाओं के लिए यह एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है कि छोटे कस्बों से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई जा सकती है।
आदर्श ठाकुर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा न्यू एरा स्कूल, नाहन से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने वर्ष 2020 में 96 प्रतिशत अंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। इसके बाद उन्होंने बॉयज स्कूल, नाहन से जमा एक और बीआरसी नाहन से जमा दो की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के प्रति उनका समर्पण इतना गहरा था कि उन्होंने वर्ष 2022 में JEE मेन्स परीक्षा पास कर NIT हमीरपुर में प्रवेश प्राप्त किया। वर्तमान में वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा के चौथे वर्ष के छात्र हैं।
हाल ही में हुए ऑन-कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में आदर्श ने अपने तकनीकी ज्ञान, आत्मविश्वास और साक्षात्कार कौशल से ग्रीस की एक IT कंपनी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कंपनी ने उन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद के लिए चुना और ₹10 लाख प्रति वर्ष का पैकेज ऑफर किया।
सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि आदर्श को इस पद के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा। कंपनी ने उन्हें वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है, जिससे वे अपने घर से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर सकेंगे। इससे उनके आने-जाने और रहने का खर्च बचने के साथ-साथ परिवार को आर्थिक स्थिरता भी मिलेगी।
वर्क फ्रॉम होम सुविधा से आदर्श को अपनी उच्च शिक्षा जारी रखने में भी मदद मिलेगी। वे अब अपने इंजीनियरिंग कोर्स के अंतिम वर्ष में पढ़ाई पूरी करते हुए रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे। यह अनुभव उन्हें भविष्य में और भी बड़े अवसरों के लिए तैयार करेगा।
आदर्श की इस सफलता से कोटड़ी बगाना गांव और पूरे नाहन क्षेत्र में खुशी की लहर है। माता-पिता ने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि “आदर्श ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन सच्ची हो, तो सीमाएं मायने नहीं रखतीं।”
आदर्श का सपना है कि वे आने वाले वर्षों में AI और डेटा साइंस के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करें और भारत में तकनीकी विकास में योगदान दें। उनका मानना है कि “अगर पहाड़ों के बच्चे सही दिशा में मेहनत करें, तो उन्हें ऊँचाइयों तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।”