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June 11, 2025

हिमाचल की टॉपर बनी इलेक्ट्रीशियन की बेटी, रोजाना 6 घंटे पढ़ने से मिली सफलता -बनना चाहती हैं बैंकर

शिवांगी के लिए किसी सपने से कम नहीं है सफलता

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Topper Shivangi

शिमला। हिमाचल की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रही हैं। बीते कल जारी हुए BCOM. अंतिम वर्ष की परीक्षा परिणाम में प्रदेश की बेटियों ने बाजी मारी है। BCOM. अंतिम वर्ष के परिणाम में छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मेरिट सूची में वर्चस्व कायम किया है। कुल परिणाम 97.56 प्रतिशत रहा- जो BCOM. जैसे प्रतिस्पर्धी पाठ्यक्रम में उल्लेखनीय उपलब्धि है।

हिमाचल की THIRD टॉपर बनी शिवांगी

शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली की होनहार छात्रा शिवांगी सलाथिया ने अपनी मेहनत और लगन से बीकॉम फाइनल ईयर में 8.56 CGPA हासिल कर प्रदेशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

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किसी सपने से कम नहीं सफलता

यह सफलता शिवांगी के लिए किसी सपने के सच होने से कम नहीं है। पढ़ाई में सतत समर्पण और परिवार के सहयोग से उन्होंने यह उपलब्धि अर्जित की है। शिवांगी की इस उपलब्धि के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

इलेक्ट्रीशियन हैं शिवांगी के पिता

शिवांगी मूल रूप से कांगड़ा जिले के नूरपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता नरेश सिंह एक इलेक्ट्रीशियन हैं, जबकि मां सरोज देवी एक गृहिणी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद सामान्य है, लेकिन शिवांगी ने कभी भी सीमित संसाधनों को अपनी पढ़ाई के बीच आड़े नहीं आने दिया।

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इंटरनेट से मिली मदद

उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान इंटरनेट और कॉलेज के अध्यापकों की मार्गदर्शन से उन्हें बहुत सहायता मिली। कठिन विषयों को समझने में ऑनलाइन कंटेंट और वीडियो लेक्चर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिवांगी ने बताया कि वो रोजाना 6 घंटे पढ़ती थी।

बैंकर बनना चाही है शिवांगी

शिवांगी ने बताया कि वह अब बैंकिंग के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं और इसकी तैयारी पहले से ही शुरू कर चुकी हैं। उनके अनुसार, यह क्षेत्र न केवल करियर की स्थिरता देता है बल्कि लोगों की आर्थिक प्रगति में योगदान देने का अवसर भी देता है। बैंकिंग क्षेत्र में उनकी रुचि और लक्ष्य स्पष्ट है, और इसके लिए वे निरंतर अध्ययन और अभ्यास कर रही हैं।

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12वीं में हासिल किया था 7वां रैंक

इससे पहले भी शिवांगी ने शैक्षणिक क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। बारहवीं कक्षा में उन्होंने प्रदेश भर में सातवां स्थान प्राप्त किया था, जो उनकी निरंतरता और प्रतिभा का प्रमाण है। वह अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं, जिन्होंने हर परिस्थिति में उनका हौसला बढ़ाया और पढ़ाई के लिए सकारात्मक माहौल उपलब्ध करवाया। शिवांगी का मानना है कि लगन, अनुशासन और सही दिशा में मेहनत से कोई भी छात्र बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। वह आने वाली पीढ़ी के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।

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