#अपराध
June 11, 2025
हिमाचल में भी बैठे हैं पादरी बजिंदर के हितैषी : करवाई थी झूठी FIR- सबूत ही नहीं मिले
पुलिस जांच में हुआ बड़ा खुलासा, कभी मंडी आए ही नहीं पति-पत्नी
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मंडी। येशु-येशु वाले बाबा के नाम से मशहूर पादरी बजिंदर सिंह के केस में नया मोड़ सामने आया है। पादरी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पादरी को बचाने के लिए हिमाचल में बैठे उसके चेहतों द्वारा रचा षडयंत्र फेल हो गया है।
दरअसल, पादरी को रेप केस में जेल भिजवाने वाली महिला और उसके पति के खिलाफ रेप के आरोप झूठे निकले हैं। पादरी के चेहतों द्वारा पति-पत्नी के खिलाफ पुलिस में दर्ज करवाया गया मुकदमा भी झूठा निकला। साथ ही कोर्ट में दर्ज याचिका भी फर्जी साबित हुई है।
शुरुआती जांच में पाया गया है कि इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता पंजाब के रूपनगर का रहने वाला गुरनाम सिंह है। इसी ने पति-पत्नी के खिलाफ याचिका के फर्जी दस्तावेज तैयार करके सुदंरनगर भिजवाए थे। इतना ही नहीं उसने 25 हजार नकद फीस देकर फाइल आगे बढ़ाने को भी कहा था। मगर मंडी कोर्ट ने सरबजीत की याचिका खारिज कर दी
आपको बता दें कि मंडी में 30 मई को पंजाब की एक युवती ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाकर सनसनी फैला दी थी। मंडी जिला के बल्ह पुलिस थाना में दर्ज हुए इस सामूहिक दुष्कर्म के चौंकाने वाले मामले में अब पुलिस जांच ने एक अलग ही सच्चाई को उजागर कर दिया है। अब तक की पुलिस जांच में सामने आया है कि युवती ने एक प्लानिंग के तहत झूठी दुष्कर्म की कहानी रची थी। शिकायतकर्ता युवती द्वारा दर्ज की गई एफआईआर कथित रूप से पूर्व नियोजित योजना का हिस्सा थी, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाने की कोशिश की गई थी।
30 मई को एक युवती ने बल्ह पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई कि उसके साथ 27 मई को सामूहिक दुष्कर्म हुआ। युवती का कहना था कि उसने पंजाब से हिमाचल के लिए एक कार में लिफ्ट ली थी। जिसमें कार में सवार युवकों ने उसे पेयजल में नशा देकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। युवती ने अपने आरोप में पंजाब निवासी सर्वजीत, उसकी पत्नी अमनकौर और एक अन्य युवक को आरोपी बताया था।
युवती की शिकायत पर जब बल्ह पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस जांच में पता चला कि युवती ने जिन युवकों पर आरोप लगाया है वह कभी मंडी में आए ही नहीं थे। सर्वजीत और अमनकौर की लोकेशन 27 मई सहित कई दिनों तक चंडीगढ़ में ही ट्रेस हुई। CDR और CCTV फुटेज ने भी इस बात की पुष्टि की।
मामले में एक और पेचीदा मोड़ तब आया जब कुछ अज्ञात लोग सुंदरनगर के वकील गोपाल के पास पहुंचकर आरोपियों के रिश्तेदार बताकर बेल के लिए आवेदन देने लगे। पुलिस जब आरोपियों के चंडीगढ़ स्थित घर पर पहुंची, तब उन्हें पहली बार पता चला कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज हुआ है। एडवोकेट गोपाल और उनके सहयोगी सत्या ने पुलिस को उन व्यक्तियों की जानकारी दी जिन्होंने बेल की कोशिश की थी, साथ ही आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी सौंपे गए थे।
एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है। वकीलों से मिले नंबरों और दस्तावेजों के आधार पर अब उन अज्ञात लोगों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने झूठी बेल अर्जी के लिए दस्तावेज दिए थे।