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August 12, 2025

पीएम मोदी ने हिमाचल के डॉ. राजबहादुर को सौंपी एम्स ऋषिकेश की कमान, सीएम सुक्खू ने दी बधाई

डॉ राज बहादुर के नाम 16,000 से अधिक सफल स्पाइन सर्जरी का रिकॉर्ड

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Dr Raj bhadaur

शिमला। केंद्र सरकार ने एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के डॉक्टरों की प्रतिभा और निष्ठा पर भरोसा जताते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स ऋषिकेश की कमान ऊना जिला निवासी और विश्वविख्यात स्पाइन सर्जन डॉ राजबहादुर को सौंपी है। यह नियुक्ति न केवल हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह दर्शाती है कि राज्य के डॉक्टर राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा जगत में अपना विशेष स्थान रखते हैं।

16 हजार से अधिक स्पाइन सर्जरी का रिकॉर्ड

डॉ राजबहादुर स्पाइन सर्जरी के क्षेत्र में वैश्विक ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। उनके नाम अब तक 16,000 से अधिक सफल स्पाइन सर्जरी का रिकॉर्ड दर्ज है, जो उन्हें इस क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों की श्रेणी में खड़ा करता है। उनके चार दशक से भी ज्यादा लंबे चिकित्सा सेवाकाल में उन्होंने देश और विदेश के अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवाएं दी हैं।

 

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पीएम मोदी का हिमाचल के डॉक्टरों पर भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बार.बार हिमाचल प्रदेश के डॉक्टरों को अहम पदों पर नियुक्त कर उनकी क्षमता और विश्वसनीयता पर भरोसा जताया है। इससे पहले सिरमौर जिले के सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ जगतराम को पीजीआई चंडीगढ़ का निदेशक बनाया गया था। वहीं कांगड़ा के रहने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विनोद पाल को नीति आयोग में सदस्य बनाया गया। इसके अलावा एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया को भी बिलासपुर स्थित एम्स कोठीपुरा का निदेशक नियुक्त किया गया था। अब इस सूची में डॉ राजबहादुर का नाम और जुड़ गया है।

 

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चिकित्सा शिक्षा और रिसर्च में अद्वितीय योगदान

डॉ राजबहादुर का जन्म 5 जून 1951 को ऊना जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नंगल में प्राप्त की और आगे की पढ़ाई डीएवी कॉलेज जालंधर से बीएससी के रूप में पूरी की। उन्होंने शिमला के आईजीएमसी से एमबीबीएस और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ऑर्थोपेडिक्स में एमएस की डिग्री प्राप्त की।

 

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अपने करियर की शुरुआत पीजीआई चंडीगढ़ में सीनियर रेजिडेंट के रूप में करने के बाद वे पुडुचेरी, दिल्ली और चंडीगढ़ के कई मेडिकल संस्थानों में प्रोफेसर और प्रमुख पदों पर कार्यरत रहे। बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी, पंजाब में वाइस चांसलर के रूप में 11 वर्षों तक सेवा देना उनके प्रशासनिक कौशल और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

स्वाभिमान की मिसाल

2022 में पंजाब सरकार के एक मंत्री द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के बाद डॉ राजबहादुर ने वाइस चांसलर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस फैसले को चिकित्सा जगत ने एक स्वाभिमानी और नैतिक मूल्यों से प्रेरित निर्णय बताया। कई चिकित्सकों ने उनके समर्थन में अपने पदों से इस्तीफा भी दिया था।

 

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नियुक्ति पर हिमाचल में खुशी की लहर

डॉ राजबहादुर की नियुक्ति पर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और चिकित्सा जगत से जुड़े कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। आईजीएमसी के पूर्व सीनियर एमएस डॉ रमेश चंद ने उन्हें संवेदनशील और मरीजों की परवाह करने वाला चिकित्सक बताया, जबकि अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ सुरेंद्र कश्यप ने कहा कि यह नियुक्ति स्पाइन सर्जरी क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

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