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March 12, 2025
हिमाचल : 6 विषयों में की मास्टरी, नौकरी के लिए खूब पढ़ा पवन- अब बना लेक्चरर
पांच साल की कड़ी मेहनत, अपने लक्ष्य से नहीं भटके पवन
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सिरमौर। रास्ते आसान नहीं, पर हौसले बुलंद हैं, मंजिल मिलेगी जरूर, ये इरादे प्रचंड हैं। जो चलते हैं लक्ष्य की राहों पर डटकर, सफलता भी करती है उनका इंतजार बढ़कर। इन शब्दों को बखूबी चरितार्थ कर दिखाया है सिरमौर जिले के पच्छाद उपमंडल के बेटे पवन कुमार ने।
पवन कुमार ने पांच साल की कठिन मेहनत और संघर्ष के बाद प्रवक्ता बनने का सपना साकार किया। पवन ने शिक्षा के प्रति अपनी लगन को कभी कम नहीं होने दिया। कई बार परिस्थितियां मुश्किल आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास के बल पर उन्होंने हर चुनौती को पार किया और आज अपने सपनों को साकार कर दिखाया।
पवन कुमार ने इतिहास प्रवक्ता की परीक्षा उत्तीर्ण कर ये साबित कर दिखाया है कि अगर किसी व्यक्ति में कुछ कर गुजरने का जुनून हो, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। यह कहानी न केवल छात्रों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
पवन कुमार कतियाना गांव के रहने वाले हैं। पवन की पढ़ाई में काफी रुचि है। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल और उच्च शिक्षा JNV नाहन से हासिल की। पवन ने अब तक आठ महत्वपूर्ण शैक्षणिक डिग्रियां हासिल की हैं।
पवन पिछले छह साल से डिंगर किन्नर स्कूल में SMC शिक्षक के रूप में इतिहास पढ़ा रहे थे। मगर उनका लक्ष्य एक स्थानीय प्रवक्ता बनना था। ऐसे में उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की और स्थायी प्रवक्ता की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। प्रवक्ता बन पवन ने अपना और अपने माता-पिता का सपना साकार किया है।
पवन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पवन किसी भी काम को बहुत कम समय में सीखने की क्षमता रखते हैं। पवन कुमार पढ़ाई के साथ-साथ और भी कई चीजों में निपुण हैं। जैसे कि-
पवन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार खासतौर पर अपनी 95 वर्षीय दादी जयंती देवी को दिया है। पवन ने बताया कि वो डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपना आदर्श मानते हैं। पवन उनके सिद्धांतों से प्रेरित होकर शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ने का संकल्प रखते हैं। पवन का कहना है कि शिक्षा उनके लिए सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि जीवन भर सीखने की प्रक्रिया है।