#उपलब्धि

October 1, 2025

हिमाचल के दुकानदार की बेटी बनी नर्सिंग ऑफिसर, देशभर में हासिल किया 65वां रैंक

शिखा ने गर्ल्स सीनियर सैकेंडरी स्कूल से 12वीं पास की है

शेयर करें:

Nursing Officer Shikha Chaudhary

हमीरपुर। कहते हैं कि मेहनत की राहों पर चलने वालों के कदम कभी नहीं रुकते, जो सपनों को सच कर दिखाए, वही असली मुकद्दर के हकदार होते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की होनहार बेटी शिखा चौधरी ने।

देशभर में पाया 65वां रैक

नादौन उपमंडल के बेला गांव की बेटी शिखा चौधरी ने यह साबित कर दिया है कि लगन, आत्मविश्वास और परिश्रम से कोई भी मंज़िल कठिन नहीं रहती। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, AIIMS द्वारा आयोजित नर्सिंग ऑफिसर परीक्षा में देशभर में 65वां स्थान हासिल कर शिखा ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का मान बढ़ाया है।

यह भी पढ़ें : विक्रमादित्य सिंह के साथ पारम्परिक भेष भूषा में मां भीमाकाली के मंदिर पहुंची अमरीन कौर, किए दर्शन

AIIMS में नर्सिंग ऑफिसर बनी शिखा

शिखा की इस उपलब्धि के साथ उनका चयन AIIMS बिलासपुर में बतौर नर्सिंग ऑफिसर हुआ है- जो उनके लिए और उनके क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। शिखा की इस उपलब्धि के बाद उनके घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है।

सरकारी स्कूल से की पढ़ाई

शिखा की शिक्षा यात्रा नादौन के गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से आरंभ हुई। वहीं से उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने नर्सिंग क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए सोलन से GNM और फिर BSC नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें हमेशा अलग पहचान दिलाई और अब यही मेहनत उन्हें इस मुकाम तक लेकर आई है।

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल: CRPF की नौकरी छूटी... पत्नी ने ले लिया तलाक, सदमा सहन नहीं कर पाया शख्स; छोड़ी दुनिया

दुकानदार हैं शिखा के पिता

शिखा का परिवार साधारण है, लेकिन उनके सपने और जज्बा बेहद बड़े रहे। उनके पिता राकेश कुमार एक दुकानदार हैं और उनकी माता गृहिणी हैं। माता-पिता ने हमेशा उन्हें मेहनत और ईमानदारी की शिक्षा दी

अनुशासन-शिक्षा भरा रहा वातावरण

शिखा को अपने दादा स्वर्गीय कृष्ण दत्त से भी प्रेरणा मिली, जो एक आदर्श शिक्षक रहे। परिवार के दो चाचा भी शिक्षण के पेशे से जुड़े हुए हैं। इस तरह, शिखा के घर का वातावरण हमेशा शिक्षा और अनुशासन से भरा रहा।

यह भी पढ़ें : हिमाचल: पानी का टैंक बनाकर ढक्कन लगाना भूला विभाग, पत्नी को तैरती मिली पति की देह

पूरे परिवार में खुशी का माहौल

शिखा की इस बड़ी उपलब्धि के बाद उनके घर, रिश्तेदारों, ग्रामीणों और परिचितों में खुशी का माहौल है। गांव के लोग भी अपनी बेटी की इस कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहे हैं। इलाके में मानो छोटा सा उत्सव सा माहौल बन गया है।

सबके लिए प्रेरणा बनी शिखा

शिखा की सफलता यह बताती है कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, अगर लगन और मेहनत हो तो सफलता निश्चित है। वह आज न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे हिमाचल की बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख