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June 29, 2025
हिमाचल: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी ने पास राष्ट्रीय परीक्षा, संस्कृत में करेगी मास्टर डिग्री
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से संस्कृत में मास्टर डिग्री करेगी निष्ठा
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सिरमौर। हिमाचल प्रदेश की युवा पीढ़ी आज जहां आईटीए इंजीनियरिंगए मैनेजमेंट जैसे आधुनिक विषयों की ओर बढ़ रही है, ऐसे समय में सिरमौर जिला की बेटी निष्ठा तोमर ने एक अनोखा और प्रेरणादायक निर्णय लेते हुए भारतीय परंपरा और संस्कृति की जड़ मानी जाने वाली संस्कृत भाषा को अपने करियर का माध्यम बनाया है। निष्ठा अब देश के प्रतिष्ठित संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय में मास्टर्स (एमए) की पढ़ाई करेंगी।
निष्ठा ने हाल ही में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में शानदार प्रदर्शन किया और देश की चार प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और एक अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय में चयनित हुईं। लेकिन उन्होंने संस्कृत अध्ययन के लिए JNU को प्राथमिकता दी।
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राजगढ़ के समीपवर्ती भूईरा गांव से संबंध रखने वाली निष्ठा एक साधारण परिवार से हैं। उनके पिता कपिल कुमार तोमर राजगढ़ में एक ड्राइविंग स्कूल चलाते हैं, जबकि मां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद, इस परिवार ने अपनी बेटी की शिक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज उनकी बेटी ने पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है।
निष्ठा की इस उपलब्धि से गांव और परिवार में खुशी का माहौल है। पिता कपिल तोमर ने कहा, "हमारी बेटी ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। बेटी है अनमोल सिर्फ एक नारा नहीं, एक सच्चाई है जिसे निष्ठा ने जीकर दिखाया है।"
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निष्ठा तोमर केवल डिग्री हासिल करने की दिशा में नहीं, बल्कि एक लंबे वैचारिक और सांस्कृतिक मिशन की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने एक बातचीत में स्पष्ट कहा, "मेरा उद्देश्य संस्कृत में रिसर्च करना और इस प्राचीन भाषा की गरिमा को पुनर्जीवित करना है। मैं पीएचडी तक जाना चाहती हूं और इस दिशा में सार्थक योगदान देना चाहती हूं।" उनका मानना है कि संस्कृत न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत है, बल्कि उसमें विज्ञान, गणित, चिकित्सा और समाजशास्त्र की भी गहन समझ निहित है। निष्ठा इस भाषा को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेकर चल रही हैं।
निष्ठा की सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि यह पूरे राजगढ़ क्षेत्र और खासकर ग्रामीण बेटियों के लिए प्रेरणा की किरण बनकर उभरी है। जहां एक ओर अभिभावक बच्चों को पारंपरिक विषयों से दूर करके आधुनिक करियर की दौड़ में झोंक देते हैं, वहीं निष्ठा ने यह संदेश दिया है कि किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता पाई जा सकती है , बस समर्पण, दिशा और उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
निष्ठा ने बताया कि JNU में अध्ययन के दौरान वह संस्कृत साहित्य, वेद, व्याकरण और दर्शनशास्त्र जैसे क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करेंगी। साथ ही वह आधुनिक संदर्भों में संस्कृत की प्रासंगिकता को लेकर भी शोध करना चाहती हैं, ताकि नई पीढ़ी इस भाषा से जुड़ सके।