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January 28, 2025

हिमाचल की मेजर राधिका नंदी घोष टैंक का नेतृत्व करने वाली इकलौती महिला सैनिक बनीं

संयुक्त राष्ट्र में पुरस्कार पाने वाली देश की दूसरी महिला अधिकारी

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Major Radhika Sen Himachal

मंडी। हिमाचल की बेटियां आज हर क्षेत्र में बड़े बड़े मुकाम हासिल कर रही हैं। ऐसी ही एक बेटी ने अपने साहस और प्रेरणा से वह मुकाम हासिल किया, जहां तक पहुंचना किसी पुरुष के लिए भी आसान नहीं होता है। हिमाचल के मंडी जिला की बेटी मेजर राधिका सेन ने गणतंत्र दिवस की परेड़ सेना के नंदी घोष टैंक का नेतृत्व किया और कर्त्तव्य पथ पर राष्ट्रपति को सलामी दी।

साहस का प्रतीक बनी मेजर राधिका

बड़ी बात यह है कि  मेजर राधिका सेन गणतंत्र दिवस परेड 2025 में नंदी घोष टैंक का नेतृत्व करने वाली इकलौती महिला सैनिक बनीं। उसकी इस उपलब्धि से ना सिर्फ भारतीय सेना को उस पर गर्व है, बल्कि उसके गृह क्षेत्र मंडी जिला के सुंदरनगर में भी खुशी का माहौल है। मेजर राधिका सेन भारतीय सेना की एक साहसी और प्रेरणादायक अधिकारी बनी है।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दी सलामी

मेजर राधिका सेन को यह सम्मान उनके साहस कड़ी मेहनत और देश भक्ति का प्रतीक है। सुंदरनगर की रहने वाली राधिका सेन ने गणतंत्र दिवस 2025 में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना के क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल पर तैनात होकर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलामी दी। उनके इस प्रदर्शन से उनके घर में खुशी का माहौल है।

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संयुक्त राष्ट्र में पुरस्कार पाने वाली देश की दूसरी महिला

मेजर राधिका सेन को बीते साल संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार मिला था। इस पुरस्कार को पाने वाली राधिका सेन देश की दूसरी भारतीय महिला अधिकारी बनी थी। उन्होंने कांगों में 30 सैनिकों की टीम को लीड किया था। मेजर राधिका सेन मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो में तैनात थीं। कांगो में मेजर राधिका को अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र  शांति रक्षक दिवस पर यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया था। 

2016 में कमीशन पास कर सेना में हुई थी भर्ती

बता दें कि सुंदरनगर के भड़ोह वार्ड की रहने वाली मेजर राधिका सेन का जन्म 1993 में हुआ था। वह नौ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थीं। साल 2016 में राधिका ने कमीशन पास किया था। चेन्नई ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट होने के बाद राधिका सेन को श्रीनगर में पहली पोस्टिंग मिली। जिसके बाद उन्होंने लेह, वेस्ट बंगाल और सिक्किम में अपनी सेवाएं दीं हैं।

 

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राधिका सेन की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सुंदरनगर के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की है। उसके बाद उसने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई माउंट कार्मल स्कूल चंडीगढ़ से पूरी की। वह आईआईटी पासऑउट हैं। साल 2016 में राधिका ने कमीशन पास करते हुए सेना में अपनी सेवाएं शुरू कीं।

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राधिका सेन के पिता ओंकार सेन एनआईटी हमीरपुर में कार्यरत हैं। जबकि उसकी माता निर्मला सेन चौहारवैली के कथोग स्कूल से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। बताया जाता है कि राधिका सेन के परिवार में आठ बेटियां हैं और सभी एक से बढ़कर एक हैं।

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