#अपराध
January 28, 2025
हिमाचल के इतिहास में पहली बार 8 पुलिसवालों को उम्रकैद, नौकरी भी जाएगी
पुलिस जांच टीम को को कोर्ट ने दोषी ठहराया
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक ऐतिहासिक और बेहद संवेदनशील मामले में CBI कोर्ट ने कोटखाई हत्याकांड की पुलिस जांच टीम को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह राज्य के इतिहास में पहला मौका है जब किसी मामले में पुलिस टीम को दोषी करार दिया गया है और उन्हें सजा सुनाई गई है।
इसके साथ ही, सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह मामला अपनी तरह का पहला मामला बताया जा रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को सजा सुनाई गई है। जिसके बाद सूरज नाम के शख्स को इंसाफ भी मिला है।
बताते चलें कि मामला 4 जुलाई 2017 को शिमला जिले के कोटखाई के महासू जंगल का है, जहां 16 साल की एक छात्रा की हत्या कर दी गई थी। छात्रा का दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। तत्कालीन सरकार ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था।
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हालांकि, जांच के दौरान पुलिस पर आरोप लगा कि उसने मामले को दबाने की कोशिश की और सूरज नाम के एक युवक की पुलिस लॉकअप में पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना एसआईटी द्वारा की गई जांच में सामने आई, जिसके बाद सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई।
CBI ने मामले की गहन जांच शुरू की और अगस्त 2017 में आठ पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को गिरफ्तार किया। इनमें से कई पुलिस अधिकारी उच्च पदों पर थे, जिसमें पूर्व IG जहूर हैदर जैदी और DSP मनोज जोशी शामिल थे। 25 नवंबर 2017 को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई और इस मामले का ट्रायल शिमला से चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया। 7 साल 2 महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में कोर्ट ने एसआईटी के सभी सदस्यों को दोषी करार दिया।
सोमवार को CBI कोर्ट ने कोटखाई हत्याकांड के आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, प्रत्येक दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। इस फैसले के बाद प्रदेश की अफसरशाही में हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं।
CBI कोर्ट के फैसले के बाद अब यह संभावना जताई जा रही है कि दोषी पाए गए सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है। इनमें से एक अधिकारी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुका है। सरकार के स्तर पर इस विषय पर मंथन चल रहा है और विस्तृत जजमेंट का इंतजार किया जा रहा है। 18 जनवरी को दोषी करार पाए पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, और गृह विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। अब इस मामले में सरकार की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश के DGP अतुल वर्मा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे कोर्ट की विस्तृत जजमेंट पढ़ने के बाद ही इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देंगे। DGP का कहना है कि यह मामला गंभीर है, और जब तक कोर्ट के फैसले की पूरी जानकारी नहीं मिलती, तब तक कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।