#उपलब्धि
March 10, 2025
हिमाचल के एक परिवार की तीसरी पीढ़ी करेगी देश सेवा, लेफ्टिनेंट बना मेजर का बेटा
दूसरे प्रयास में हासिल की सफलता, UPSC में रहा देशभर में 204वां रैंक
शेयर करें:
कांगड़ा। देशभक्ति और सेवा का जज्बा जब परिवार की रगों में बहता है, तो वह एक परंपरा बन जाती है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण है जब किसी परिवार की तीसरी पीढ़ी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार होती है। यह सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि देश के प्रति समर्पण और कर्तव्य निभाने की एक विरासत है, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया जाता है।
इस परिवार में पहले दादा ने देश की रक्षा में योगदान दिया, फिर उनके बेटे ने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर अपनी जिम्मेदारी निभाई और अब तीसरी पीढ़ी उसी जज़्बे के साथ देश सेवा के लिए कदम बढ़ा रही है। यह दिखाता है कि देशभक्ति सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसे जीवन का हिस्सा बना लिया जाता है। यह गर्व की बात है कि परिवार के संस्कार और मूल्य नई पीढ़ी तक पहुंचे हैं, जिन्होंने भी मातृभूमि की रक्षा को अपना कर्तव्य समझा।
वर्दी का मान हमने पीढ़ियों से सिखा, देशभक्ति का दीपक हमने घर में जला रखा। तीसरी पीढ़ी भी करेगी तिरंगे की शान, रखेंगे वतन की मिट्टी का सदा मान। इन शब्दों को बखूबी चरितार्थ कर दिखाया है कांगड़ा जिले के बेटे डॉ. लवदीप सिंह पठानिया ने।
डॉ. लवदीप सिंह पठानिया इंदौरा उपमंडल के मकड़ोली गांव के रहने वाले हैं। डॉ. लवदीप भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। लवदीप की इस सफलता से उनके पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है।
लवदीप ने पिछले साल UPSC की परीक्षा में देशभर में 204वां रैंक हासिल किया था। सोलन विश्वविद्यालय से होम्योपैथी चिकित्सा में स्नातक लवदीप ने अपने दूसरे प्रयास में केंद्रीय रक्षा सेवाएं परीक्षा पास कर यह सफलता प्राप्त की ।इसके बाद लवदीप ने OTA चेन्नई में एक साल का कड़ा प्रशिक्षण पूरा कर आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त किया।
डॉ. लवदीप अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी है- जो भारतीय सेना में सेवा देगी। लवदीप के दादा स्व. ब्रह्म सिंह भी सेना में सेवाएं दे चुके हैं। उनके पिता दर्शन सिंह भारतीय सेना में सूबेदार मेजर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। लवदीप के पिता ने बेटे की सफलता पर बात करते हुए कहा कि उनके बेटे ने गर्व से उनका सीना चौड़ा कर दिया है। लवदीप का लेफ्टिनेंट बनना पूरे परिवार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
लवदीप की मां स्नेहलता गृहिणी हैं। लवदीप की एक बहन भी है- जो कि कनाडा में सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। लवदीप ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, बहन और कर्नल मोहिंदर पाल सिंह को दिया है। लवदीप का कहना है कि उनके मार्गदर्शक और सहयोग से ही वो अपना लक्ष्य पूरा करने में सफल हो पाए हैं।
विदित रहे कि, सेना में सेवा देना केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि त्याग, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है। यह राह आसान नहीं होती- यहां हर सैनिक को कठिन प्रशिक्षण, संघर्ष और बलिदान से गुजरना पड़ता है। मगर जब परिवार की पीढ़ियां इस परंपरा को आगे बढ़ाती हैं, तो यह साबित होता है कि देश सेवा का जुनून इस परिवार की आत्मा में बसा हुआ है।