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September 8, 2025

हिमाचल : सेना में लेफ्टिनेंट बना फौजी साहब का बेटा, परिवार की तीसरी पीढ़ी करेगी देश सेवा

गांव वालों ने बैंड बाजों से किया लेफ्टिनेंट अभिषेक का स्वागत

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Lieutenant Abhishek Patial

कांगड़ा। सपनों को पंख तभी मिलते हैं, जब हौसले आसमान छूने का जज़्बा रखते हैं। धरती का बेटा जब वर्दी पहनकर लौटता है, तो गांव का हर दिल गर्व से धड़कता है। ऐसा कुछ कर दिखाया है कांगड़ा जिले के बेटे अभिषेक पटियाल ने।

सेना में लेफ्टिनेंट बने अभिषेक

भौड़ा गांव के बेटे अभिषेक पटियाल ने अपने हौंसले और मेहनत से सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का मान बढ़ा दिया है। रविवार को जब वे प्रशिक्षण पूरा करने के बाद पहली बार अपने घर लौटे तो पूरा गांव जश्न में डूब गया।

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बैंड-बाजों के साथ हुआ स्वागत

अभिषेक के गांव लौटने से पहले ही भिखाशाह में ग्रामीण बड़ी संख्या में जमा हो गए थे। जैसे ही वे पहुंचे, ढोल-नगाड़ों और बैंडबाजों की गूंज के बीच फूलों की वर्षा कर उनका भव्य स्वागत किया गया। हर कोई उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ा और “भारत माता की जय” के नारों से माहौल गूंज उठा।

सेना में परिवार की तीसरी पीढ़ी

अभिषेक का सेना से जुड़ाव कोई नया नहीं है। उनके पिता विजय सिंह पटियाल सेना से नायब सूबेदार पद पर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनके दादा ईश्वर सिंह पटियाल और ताया-दादा जोगेंद्र सिंह पटियाल भी भारतीय सेना से सूबेदार मेजर पद से रिटायर हुए हैं। अब अभिषेक ने परिवार की इस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है।

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शिक्षा और सफर

अभिषेक ने दसवीं तक की पढ़ाई माउंट कार्मल स्कूल, ठाकुरद्वारा से की। जमा दो की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़ से पूरी की। स्नातक की पढ़ाई राजकीय कॉलेज, चंडीगढ़ से बीएससी में की। बचपन से ही मेहनती, अनुशासित और देशभक्ति से ओतप्रोत अभिषेक ने सेना में जाने का सपना देखा और उसे साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की।

परिजनों का गर्व

अभिषेक की मां रितु पटियाल, जो सीए के पद पर कार्यरत हैं, ने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि यह पल उनके लिए अविस्मरणीय है। वहीं अभिषेक ने भी साफ शब्दों में कहा कि “मेरी सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता, गुरुजनों और पूरे परिवार को जाता है, जिन्होंने हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन किया।”

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गांव में उत्सव का माहौल

अभिषेक के घर लौटने की खबर से गांव में उल्लास छा गया। हर गली-आंगन में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने कहा कि अभिषेक ने गांव का नाम ऊंचा किया है और उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

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