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December 14, 2025
हिमाचल : खेतीबाड़ी कर मां-बाप ने पढ़ाया बेटा, लेफ्टिनेंट बन लाडले ने पूरा किया दादा का सपना
माता-पिता ने कभी कोई कमी नहीं आने दी
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बिलासपुर। वीरभूमि हिमाचल के सैकड़ों होनहार बेटे देश सेवा कर रहे हैं। हर गांव हर कस्बे के कई बहादुर बेटे सरहदों पर तैनात हैं। इसी कड़ी में अब हिमाचल के बिलासपुर जिले के एक और बेटे ने प्रदेश का नाम रोशन किया है।
झंडूता उपमंडल के कत्थयून कस्बा के लिए यह दिन गर्व और खुशी लेकर आया है। गांव के होनहार युवक अभिषेक गुलेरिया ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में अभिषेक गुलेरिया ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर सेना की वर्दी में अधिकारी के रूप में कदम रखा। अभिषेक के लेफ्टिनेंट बनने की खबर जैसे ही गांव और आसपास के क्षेत्र में पहुंची, खुशी की लहर दौड़ गई।
रिश्तेदारों, मित्रों और गांववासियों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर अपनी खुशी जाहिर की। हर कोई अभिषेक की मेहनत, अनुशासन और लगन की सराहना करता नजर आया। गांव में लोग इसे आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बता रहे हैं।
ग्राम पंचायत बल्हसीणा के उपप्रधान जितेंद्र सिंह गुलेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि अभिषेक गुलेरिया एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके माता-पिता खेती-बाड़ी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटे के सपनों को पूरा करने में कोई कमी नहीं आने दी।
अभिषेक की सफलता इस बात का उदाहरण है कि मजबूत इरादों और निरंतर मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि अभिषेक का परिवार देशसेवा की परंपरा को लंबे समय से निभाता आ रहा है।
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अभिषेक के दादा भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर सेवाएं दे चुके हैं, जबकि उनके बड़े भाई भी वर्तमान में भारतीय सेना में कार्यरत हैं। ऐसे सैन्य वातावरण में पले-बढ़े अभिषेक के भीतर बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रहा।
क्षेत्र के बुजुर्गों का कहना है कि अभिषेक गुलेरिया की उपलब्धि से झंडूता उपमंडल का मान बढ़ा है। गांव के युवाओं में सेना और अन्य सशस्त्र बलों में जाने का उत्साह भी बढ़ा है। लोग उम्मीद जता रहे हैं कि अभिषेक ईमानदारी, साहस और कर्तव्यनिष्ठा के साथ देश की सेवा करेंगे और आने वाले समय में और भी ऊंचे पदों तक पहुंचेंगे।
अभिषेक गुलेरिया की यह सफलता साबित करती है कि छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। आज कत्थयून गांव का हर व्यक्ति अपने इस बेटे पर गर्व महसूस कर रहा है और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहा है।