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June 27, 2025
हिमाचल: जिस कॉलेज में पिता बनाते थे खाना, वहीं से पढ़कर बेटी बनी नर्सिंग ऑफिसर
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है शालिनी ठाकुर की मां
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नाहन। हिमाचल प्रदेश की एक बेटी ने कड़ी मेहनत और विकट परिस्थितियों में अडिग संकल्प के दम पर आज वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसका सपना हर परिवार देखता है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के एक छोटे से गांव की बेटी शानिनी ठाकुर कड़ी मेहनत से एम्स में नर्सिंग ऑफिसर बन गई है। शालिनी ठाकुर ने यह सफलता बिना कोचिंग के हासिल की है।
दरअसल सिरमौर जिला के गांव जरजा की बेटी शालिनी ठाकुर ने प्रतिष्ठित एनओआरसीईटी .8 परीक्षा को बिना कोचिंग पास कर अपने और अपने परिवार के सपने को सच कर दिखाया है। शालिनी ठाकुर ने इस परीक्षा को पास कर देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थान एम्स नई दिल्ली में नर्सिंग ऑफिसर के पद हासिल कर लिया है। उसकी इस उपलब्धि से ना सिर्फ उसके परिवार में बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
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शालिनी ठाकुर की यह सफलता इसलिए भी खास है, क्योंकि शालिनी ठाकुर ने जिस माता पद्मावती कॉलेज ऑफ नर्सिंग से अपनी शिक्षा पूरी की है, उसके पिता शिवराज ठाकुर वर्षों तक उस कॉलेज के होस्टल में मेस वर्कर के रूप में कार्यरत रहे हैं। यानी जिस कॉलेज में पिता खाना बनाते थे, आज उसी कॉलेज में पढ़कर उनकी बेटी एक बड़ी अधिकारी बन गई है।
बता दें कि शालिनी ठाकुर की मां मंगला देवी जरजा गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है। जबकि उसका छोटा भाई रजत ठाकुर भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। परिवार की सीमित आर्थिक स्थिति के बावजूद शालिनी ठाकुर ने कभी हार नहीं मानी और हमेशा मेहनत के दम पर आगे बढ़ती रही। जिसके चलते आज वह एक अधिकारी बन गई है।
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शालिनी ठाकुर की स्कूली शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एवीएन स्कूल से पूरी की है। जिसके बाद शालिनी ने माता पद्मावती कॉलेज ऑफ नर्सिंग से नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की । शालिनी उसके बाद परीक्षा की तैयारी में जुटी रही। इस परीक्षा के लिए शालिनी ने किसी तरह की कोई कोचिंग भी नहीं ली थी। ठाकुर ने अपनी कड़ी मेहनत और रात दिन की पढ़ाई से ही इस परीक्षा को पास किया और नर्सिंग ऑफिसर का पद हासिल किया।
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शालिनी ठाकुर की इस सफलता से उसके पिता शिवराज ठाकुर और माता मंगला देवी काफी खुश हैं। माता पिता का कहना है कि बेटी ने आज उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। शालिनी ठाकुर ने भी अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षकों को दिया है। शालिनी ठाकुर की इस सफलता से पूरे गांव में जश्न का माहौल है।