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April 27, 2025

हिमाचल के नमन ने रचा इतिहास, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत को दिलाया गोल्ड मेडल

17 साल की उम्र में नमन ने दक्षिण एशियाई यूथ चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

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Naman Bhatnagar Gold Medal

नाहन। संघर्ष ही सफलता की असली चाबी होती है। सफलता तो हर कोई चाहता है, लेकिन यह उन्हीं के कदम चूमती है, जो अपने सपनों के लिए मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास के साथ संघर्ष करते हैं। इस बात को हिमाचल के सिरमौर जिला के छोटे से गांव के रहने वाले नमन भटनागर ने सच कर दिखाया है। नमन भटनागर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचन बना ली है। नमन ने अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है।

17 साल की उम्र में हासिल किया मुकाम

17 साल के इस टेबल टेनिस खिलाड़ी नमन भटनागर ने ना सिर्फ अपने सपनों को साकार करने की राह पकड़ ली है। बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गया है। आज रविवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित टेबल टेनिस की दक्षिण एशियाई यूथ चैंपियनशिप में नमन ने इतिहास रच दिया।

 

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फाइनल में 3.1 से पराजित कर जीता गोल्ड

नमन भटनागर ने अंडर-19 पुरुष डबल्स मुकाबले में तमिलनाडु के खिलाड़ी सुरेश राजपर्श के साथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया और मेजबान नेपाल के खिलाड़ियों को फाइनल में 3-1 से पराजित कर स्वर्ण पदक भारत के नाम कर दिया। नमन भटनागरक की इस उपलब्धि पर उसे परिवार सहित गांव में खुशी का माहौल है। 

अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहला गोल्ड

नमन के लिए यह सफलता इसलिए भी काफी खास है, क्योंकि नमन भटनानगर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। इससे पहले नमन ने मिस्र में आयोजित वर्ल्ड टेबल टेनिस टूर्नामेंट के अंडर-15 वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अब उसने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीत कर यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। नमन का अंडर-15 श्रेणी में भारत में छठी और विश्व में 47वीं रैंक हासिल की है। वहीं अब अंडर-19 में भी देश का नाम रोशन किया है।

 

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बिना कोचिंग शुरू किया था खेल

बताया जा रहा है कि नमन ने टेबल टेनिस के लिए किसी तरह की कोई पेशेवर कोचिंग नहीं ली थी। उनके पिता ने जब वह 7 साल के थे, तभी घर में टेबल टेनिस लगवा दी थी। यहीं पर नमन ने यूट्यूब पर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के वीडियो देखकर खुद को तैयार किया। नमन ने सीमित संसाधनों के बावजूद कभी हार नहीं मानी। नमन की शिक्षा के बारे में बात करें तो उन्होंने शुरूआती पढ़ाई नाहन के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की है। उसके बाद नमन ने खेलों के चलते बाहर का रूख कर लिया। आज वह खेलो इंडिया नगरोटा अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। 

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माता पिता में खुशी की लहर

नमन भटनागर के पिता विकास भटनागर वर्तमान में धर्मशाला में जेल अधीक्षक हैं और माता दुर्गेश भटनागर एक स्कूल लेक्चरर हैं। बेटे की इस उपलब्धि से माता पिता दोनों ही काफी खुश हैं। पिता विकास भटनागर ने बताया कि इस प्रतियोगिता में छह देशों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने बताया की नमन कल सोमवार को भारत लौटेगा और सीधे धर्मशाला आएगा। 

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