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August 2, 2025

हिमाचल: जनजातीय जिला की बेटी श्वेता ने AIAPGET परीक्षा में किया टॉप, देश भर में पाया पहला स्थान

अखिल भारतीय आयुष पीजी प्रवेश परीक्षा में एसटी श्रेणी में देश भर में किया टॉप

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Dr sweta negi kinnaur

किन्नौर। हिमाचल प्रदेश की बेटियां आज देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। शिक्षा, प्रशासन, चिकित्सा, विज्ञान या खेलकृहर मंच पर बेटियां आगे बढ़कर राज्य और देश का नाम रोशन कर रही हैं। इसी कड़ी में जनजातीय जिला किन्नौर की होनहार बेटी डॉ श्वेता नेगी ने एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। उन्होंने अखिल भारतीय आयुष स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIAPGET-2025) में अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में देशभर में पहला स्थान हासिल कर न केवल किन्नौर, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित किया है।

99.69 प्रतिशत अंक किए हासिल

डॉ श्वेता नेगी ने इस परीक्षा में 99.69 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, जो न केवल उनकी मेहनत, लगन और प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि यह सफलता यह भी दर्शाती है कि यदि इरादे बुलंद हों तो सीमित संसाधनों के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन संभव है। डॉ श्वेता नेगी मूल रूप से किन्नौर जिले के खवांगी (कागरा) गांव की निवासी हैं। उनके पिता वीरेंद्र सिंह नेगी शिक्षक हैं और माता सुषमा कुमारी एक गृहिणी हैं। परिवार का शांत सादा लेकिन प्रोत्साहनपूर्ण माहौल शुरू से ही श्वेता के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा।

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कहां से पूरी की है नेगी ने अपनी शिक्षा

श्वेता की शुरुआती शिक्षा रिकांगपिओ में हुई। दसवीं कक्षा उन्होंने डीएवी स्कूल से और बारहवीं एसडी पब्लिक स्कूल से उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्नातक (BAMS) की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश के प्रमुख राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज, पपरोला से पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे आयुष क्षेत्र में आगे बढ़कर देशभर में एक नई पहचान बनाएंगी।

 

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जनजातीय क्षेत्र की प्रतिभा ने दी नई दिशा

डॉ श्वेता नेगी की यह उपलब्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक जनजातीय क्षेत्र की बेटी की कहानी है, जिसने सीमित सुविधाओं के बावजूद देशभर के लाखों प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि यह पूरे किन्नौर जिले और हिमाचल प्रदेश के लिए एक मिसाल है। उनकी इस सफलता ने यह संदेश दिया है कि जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों की बेटियों में अपार प्रतिभा है, बस उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर की आवश्यकता होती है।

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मेहनत आत्मविश्वास बनी सफलता की कुंजी

डॉ श्वेता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और मार्गदर्शकों को दिया है। उन्होंने कहा कि निरंतर अभ्यास, योजना अनुसार पढ़ाई और आत्मविश्वास इन तीन बातों को ध्यान में रखते हुए किसी भी चुनौतीपूर्ण परीक्षा में सफलता पाई जा सकती है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गांव खवांगी में उत्सव का माहौल है। स्कूल, कॉलेज से लेकर पूरे जिलेभर में उन्हें बधाइयों का तांता लगा हुआ है। कई सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं ने भी उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है।

 

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हिमाचल की बेटियों को मिली नई प्रेरणा

डॉ श्वेता नेगी की सफलता से प्रदेश की बेटियों को एक नई दिशा और प्रेरणा मिली है। यह उपलब्धि उन्हें यह विश्वास दिलाती है कि यदि मेहनत और आत्मविश्वास हो. तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। डॉ. श्वेता नेगी आज उन लाखों बेटियों के लिए आदर्श बनकर उभरी हैं. जो छोटे शहरों और गांवों से निकलकर बड़ा सपना देखने का साहस करती हैं। 

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