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August 2, 2025
हिमाचल में कहर बनकर बरस रहे बादल: नदी में आई बाढ़, आज हाई अलर्ट पर ये जिले
अगस्त-सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश का अलर्ट
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर से विकराल रूप ले चुका है। बीते 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में भारी तबाही मचाई है। मंडी में चंडीगढ़-मनाली फोरलेन एक बार फिर से कैंची मोड़ के पास लैंडस्लाइड के चलते बंद हो गया है। इसके चलते सैकड़ों वाहन बीच रास्ते में फंसे हुए हैं।
कुल्लू जिले की मलाणा नदी में आई बाढ़ ने मलाणा प्रोजेक्ट से जुड़ी मशीनरी को बहा दिया। वहीं, 2 पुलों के बहे जाने की खबर भी सामने आई है। तेज बहाव में डंपर समेत निर्माण कार्य से जुड़ी कई चीजें बह गईं। मंडी के थलौट में पहाड़ी से गिरे एक बड़े पत्थर ने उत्तम राम का घर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। महज एक सेकेंड में उसका घर मलबे में बदल गया। इसी बीच, शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 भी नाथपा के पास लैंडस्लाइड के चलते बंद कर दिया गया है।
शनिवार को बिलासपुर, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। 4 अगस्त को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर बाकी सभी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगस्त और सितंबर महीने में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
राज्य सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक इस मानसून सीजन में अब तक 176 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 30 लोग बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए हैं। वहीं 36 लोग अभी भी लापता हैं।
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प्रदेश में इस बार सामान्य से 10% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। शिमला में 68%, मंडी में 56%, कुल्लू में 40%, और हमीरपुर में 32% अधिक बारिश हुई है। हालांकि लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। अब तक की भारी बारिश से प्रदेश को 1678 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। 250 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी हैं, जिनमें 110 सड़कें 20 दिन से ज्यादा समय से बंद हैं।
मौसम विभाग ने आगाह किया है कि आने वाले हफ्तों में स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह नदी-नालों के किनारे न जाएं और अनावश्यक यात्रा से बचें। सरकार ने राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेज करने के निर्देश जारी किए हैं।