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August 2, 2025
HRTC के पेंशनरों को राहत: 150 करोड़ कर्ज लेकर दिए जाएंगे लंबित वित्तीय लाभ; जानें कब
इसी माह मिल सकते है सभी पेंशनरों को उनके लंबित वित्तीय लाभ
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शिमला। हिमाचल प्रदेाश् पथ परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की लंबे समय से वित्तीय देनदारियां लंबित पड़ी हैं। जिनकी पेंशनर्स समय समय पर मांग भी करते आए हैं। लेकिन अब पेंशन और अन्य लाभों से वंचित हिमाचल पथ परिवहन निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जल्द बड़ी राहत मिलने वाली है। निगम अब 150 करोड़ रुपए का ऋण लेकर इन देनदारियों का निपटारा करेगा। निगम के निदेशक मंडल की हाल ही में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसी माह से लंबित पेंशन मामलों का निपटारा किया जाएगा।
बता दें कि वर्ष 2024 से अब तक सेवानिवृत्त हो चुके करीब 250 कर्मचारियों और अधिकारियों को अभी तक न तो पेंशन शुरू हुई है और न ही ग्रेच्युटी या अर्जित अवकाश का भुगतान हुआ है। वर्षों की सेवा देने के बाद भी लाभ से वंचित ये कर्मचारी लगातार निगम कार्यालयों के चक्कर काटते रहे, लेकिन अब उन्हें आशा की किरण दिखाई देने लगी है।
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सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी समस्याएं राज्य के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के समक्ष भी रखीं थीं। उप मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए निगम प्रबंधन को दो विकल्पों पर कार्य करने के निर्देश दिए थे। पहला विकल्प था कि यदि कोई कर्मचारी कम्यूटेशन नहीं लेता, तो उसकी पेंशन तुरंत आरंभ कर दी जाए। इस विकल्प को अपनाते हुए अब तक लगभग 35 पेंशनरों को पेंशन का लाभ मिल चुका है।
जो कर्मचारी कम्यूटेशन के साथ पेंशन लेना चाहते हैं, उनके लिए निगम अब ऋण लेकर ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट और कम्यूटेशन सहित सभी वित्तीय लाभों का भुगतान करेगा। एचआरटीसी उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने जानकारी दी कि अगस्त माह के भीतर सभी लंबित मामलों का निपटारा कर दिया जाएगा।
एचआरटीसी की आर्थिक स्थिति बीते कुछ वर्षों में लगातार बिगड़ती गई है। मार्च 2023 तक निगम का घाटा 1966 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर लगभग 2200 करोड़ हो चुका है। निगम के पास इस समय करीब 10,853 कर्मचारी कार्यरत हैं और यह 3400 बस रूटों पर सेवाएं प्रदान कर रहा है।
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विशेषज्ञों के अनुसार निगम के घाटे की प्रमुख वजहें निशुल्क यात्राएं, रियायती पास, महिलाओं को किराये में 50 फीसदी छूट और सामाजिक श्रेणियों को मुफ्त सेवाएं देना हैं। वर्तमान में 28 वर्गों को निशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा लागू नए वेतनमान और पुरानी पेंशन योजना ने भी निगम की वित्तीय स्थिति पर अतिरिक्त दबाव डाला है।
एचआरटीसी अपने खर्चों में कटौती और आयवर्धन के विभिन्न उपायों पर लगातार काम कर रहा है। बस फ्लीट की संख्या में भी धीरे.धीरे कमी की जा रही है ताकि परिचालन लागत को कम किया जा सके। हालांकि घाटे की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए इससे पार पाना निगम के लिए अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने आश्वासन दिया है कि सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके बकाया लाभ जल्द ही जारी किए जाएंगे और लंबित पेंशन मामलों का निपटारा इसी महीने किया जाएगा। इससे न केवल कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि निगम की जिम्मेदारियों का भी सम्मानजनक निर्वहन होगा।