#उपलब्धि
September 5, 2025
हिमाचल : 27 साल से पढ़ा रहे अजय, आज तक एक भी स्टूडेंट नहीं हुआ फेल
पटियाल का अध्यापन सफर एक मिसाल है
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कांगड़ा। गुरु वो है जो अज्ञान का अंधेरा मिटा दे, ज्ञान की लौ से जीवन का हर कोना सजा दे। एक शिक्षक का दर्जा भगवान से कम नहीं होता, क्योंकि वही भविष्य गढ़ता है, जो हर कहीं होता ये शब्द बखूबी चरितार्थ करते हैं हिमाचल के सरकारी स्कूल के अध्यापक अजय सिंह पटियाल के जीवन को।
गढ़जमुला के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रवक्ता अजय सिंह पटियाल पिछले 27 वर्षों से अध्यापन कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्पण और मेहनत से न केवल विद्यालय का नाम रोशन किया है, बल्कि हजारों विद्यार्थियों के भविष्य को भी संवारने का कार्य किया है।
अजय सिंह पटियाल को हाल ही में शिक्षा क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। पटियाल का अध्यापन सफर एक मिसाल है।
उनके मार्गदर्शन में शिक्षा प्राप्त कर चुके कई छात्र आज प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे NIT, IIT, मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही अनेक छात्र भारतीय सेना और अन्य नामी संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि एक शिक्षक यदि पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करे तो वह समाज के लिए अमूल्य धरोहर साबित हो सकता है।
उनके विषय में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम लगातार शत-प्रतिशत रहा है। यही नहीं, कई विद्यार्थियों ने उनके मार्गदर्शन में शत-प्रतिशत अंक भी हासिल किए हैं। यह आंकड़े उनके अध्यापन की गुणवत्ता और विद्यार्थियों के प्रति समर्पण को दर्शाते हैं।
अजय पटियाल को मिले इस सम्मान से उनके परिवार और गांव में उत्सव जैसा माहौल है। उनकी धर्मपत्नी भी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं और वर्तमान में रावमा पाठशाला मुंडी में बतौर प्रवक्ता सेवाएं दे रही हैं। वहीं उनके बड़े भाई पवन पटियाल पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर शिमला में कार्यरत हैं। इस उपलब्धि ने पूरे परिवार को गौरवान्वित किया है।
अजय पटियाल ने कहा कि उनकी इस सफलता के पीछे उनके शिक्षकों की प्रेरणा और मार्गदर्शन है। वे मानते हैं कि शिक्षा ही समाज के विकास की सबसे मजबूत नींव है और एक शिक्षक का दायित्व केवल पढ़ाना ही नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार और सही दिशा देना भी है।