#उपलब्धि
March 10, 2025
हिमाचल के छोटे से गांव की बेटी बनी एयर होस्टेस, करेगी बादलों की सैर- छुएगी आसमान
18 साल की उम्र में हासिल किया बड़ा मुकाम, हर तरफ हो रही तारीफ
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रिकांगपिओ। कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। पहाड़ी राज्य हिमाचल का एक ऐसा गांव- जहां तक पहुंचने के लिए रास्ते भी मुश्किल भरे हैं, वहां की एक बेटी ने अपने सपनों को पंख दिए और एयर होस्टेस बनकर आसमान छू लिया। ये बेटी उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों और कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को जीने का जज्बा रखती हैं।
यह बेटी एक ऐसे गांव में पली-बढ़ी, जहां अच्छी शिक्षा और सुविधाओं की कमी थी। पहाड़ों के घुमावदार रास्ते, बर्फीली ठंड और कठिन जीवनशैली- सब कुछ उसके सामने चुनौती की तरह खड़ा था। मगर उसने इन सब मुश्किलों को अपनी उड़ान में बाधा नहीं बनने दिया। उसने खुद के दृढ़ निश्चय से हर कठिनाई को पार किया और अपनी मेहनत से एयरलाइन इंडस्ट्री में जगह बना ली।
जब गांव की इस बेटी ने पहली बार यूनिफॉर्म पहनी और फ्लाइट में कदम रखा, तो यह सिर्फ उसका सपना पूरा नहीं हुआ, बल्कि उसके साथ-साथ पूरे गांव की उम्मीदों ने पंख पा लिए। आज वह न सिर्फ आसमान में उड़ रही है, बल्कि अपने गांव की हर उस लड़की के लिए मिसाल बन गई है, जो सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला रखती हैं।
यह होनहार बेटी आंचल नेगी किन्नौर जिले के पंगी गांव की रहने वाली है। महज 18 साल की उम्र में आंचल ने पहाड़ों की कठिन परिस्थितियों के बावजूद वो कर दिखाया- जो कि उनके गांव के हर बेटी के लिए प्रेरणादायक बन गया। आंचल नेगी INDIGO एयरलाइंस में एयर होस्टेस बन गई हैं।
आंचल ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा DAV सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, रिकांगपिओ से हासिल की। फिर आंचल ने DPS झाकरी से माध्यमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद आंचल ने एविएशन में करियर की शुरुआत की।
एयर होस्टेस बनने के लिए आंचल ने AKSA इंटरनेशनल एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से दो साल का कड़ा प्रशिक्षण लिया। इसके बाद अब आंचल का चयन INDIGO एयरलाइंस में एयर होस्टेस के रूप में हुआ है। बीती 7 मार्च को आंचल ने कंपनी जॉइन की है। अब वो चेन्नई बेस से अपनी सेवाएं देंगी।
आंचल के पिता अजय कुमार नेगी पूर्व सैनिक हैं और मां विजय लक्ष्मी नेगी गृहिणी हैं। आंचल की इस सफलता के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उनके घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लग गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि आंचल ने यह सफलता हासिल कर साबित कर दिखाया है कि अगर हौसले बुलंद हो तो कोई भी चुनौती आपको आपका लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से बड़े से बड़ा मुकाम आसानी से हासिल किया जा सकता है। आंचल ये उपलब्धि हासिल कर गांव की सभी लड़कियों और युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।