#हादसा
June 16, 2025
हिमाचल में एक परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, 5 दिन में दो नवजात बच्चों ने त्यागे प्राण
30 और 35 दिन की थी दोनों नवजात, बुखार ने ली जान
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नाहन। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला से एक दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक परिवार की महज पांच दिन में दो नवजात बच्चियों की मौत हो गई है। इस घटना से परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव को भावुक कर दिया है। यह घटना सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के तहत आती ग्राम पंचायत चौकर के गांव ठोंठा की बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि ठोंठा गांव के रहने वाले लेखराम के घर में महज पांच दिन में दो बच्चियों की मौत हो गई। यह दोनों ही बच्चियां लेखराम की पोतीयां थी और उनकी उम्र महज 30 से 35 दिन की थी। दोनों बच्चियां लेखराम के दोनों बेटों के घर जन्मी थी। लेकिन इस अचानक इन बच्चियों की मौत से परिवार सहित पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।
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अब तक की जानकारी के अनुसार लेखराम के बड़े बेटे संजीव कुमार के घर 35 दिन पहले एक बेटी का जन्म हुआ था। उसके ठीक पांच दिन बाद उनके छोटे बेटे रमन की पत्नी ने भी एक बच्ची को जन्म दिया। दोनों बच्चियां स्वस्थ थीं और घर में खुशी का माहौल था। लेखराम के अनुसार करीब छह दिन पहले बड़े बेटे संजीव की मासूम बच्ची को अचानक बुखार हो गया।
लेखराम ने बताया कि बच्ची को शाम के समय बुखार आया था। जिसके चलते सुबह तक उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौहराधार ले जाया गया, लेकिन वहां मौजूद चिकित्सक ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। जिससे घर में बच्चियों के जन्म की खुशियां मातम में बदल गईं।
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लेखराम के अनुसार परिवार अभी इस बच्ची की मौत के सदमे से उबरा भी नहीं था कि छोटे बेटे रमन की मासूम बच्ची को भी बुखार आ गया। जिसके चलते उसे उपचार के लिए सीएचसी नौहराधार में भर्ती करवाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची को एक दिन तक रखा और उसके बाद उसे घर भेज दिया। लेकिन बीती रात को बच्ची को एक बार फिर तेज बुखार हुआ और सुबह तक उसकी भी मौत हो गई।
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दो बच्चियों की मौत से दादा लेखराम सहित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। लेखराम ने बताया कि उनके घर में तीन पोतियां और भी हैं और इन दो मासूम बच्चियांे के आने से उनकी पांच पोतियां हो गई थीं। लेकिन अचानक इस तरह से दो पोतियों की मौत से परिवार को गहरा सदमा लगा है। गांव में इस हृदय विदारक घटना के बाद शोक की लहर है और हर कोई इस पीड़ा से व्यथित है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से इस तरह की लगातार दो मौतों की जांच की मांग की है, ताकि पता चल सके कि आखिर ऐसे कैसे बुखार से दो बच्चियों की मौत हो गई।