#हादसा
September 3, 2025
हिमाचल : पहाड़ी के मलबे में दबे 7 लोग, काफी देर तक चिल्लाने की आई आवाजें- फिर पसरा सन्नाटा
मलबे ने कई घरों और राहगीरों को अपनी चपेट में ले लिया
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मंडी। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलनों के बीच मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के जंगम बाग स्थित BBMB कॉलोनी में मंगलवार शाम बड़ा हादसा हो गया। पहाड़ी से गिरे मलबे ने कई घरों और राहगीरों को अपनी चपेट में ले लिया।
इस दर्दनाक घटना में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। मलबे में दबकर गुरप्रीत उर्फ सोनू, उनकी मां सुरेंद्र कौर, पत्नी भारती (30) और ढाई साल की मासूम बेटी कीरत की मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लैंडस्लाइड के बाद देर तक दबे हुए लोगों की चीखें सुनाई देती रहीं, लेकिन भारी मलबे के कारण उन्हें तुरंत बाहर नहीं निकाला जा सका। रात करीब 8030 बजे भारती और कीरत को अस्पताल पहुंचाया गया। मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। अस्पताल में मौजूद लोगों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद रात करीब डेढ़ बजे गुरप्रीत का शव और सुबह 5 बजे उनकी मां का शव मलबे से निकाला गया। चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सुंदरनगर अस्पताल भेज दिया गया है।
गुरप्रीत पेशे से प्राइवेट बस चलाते थे और BBMB कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते थे। हादसे ने उनके पूरे परिवार को एक झटके में मिटा दिया। भाई परमीत सिंह ने रोते हुए बताया कि “भाई के घर से आवाजें देर तक आती रहीं, लेकिन उन्हें बचा नहीं सके।”
भूस्खलन ने पास में बने शांति देवी के घर को भी पूरी तरह तबाह कर दिया। शांति देवी अकेली रहती थीं और मलबे में दबकर उनकी मौत हो गई।
इसी दौरान वहां से गुजर रहे दो लोग भी इसकी चपेट में आ गए। प्रकाश शर्मा निवासी डढयाल अपनी स्कूटी पर सवार थे, जबकि राहुल निवासी सुंदरनगर अपनी टाटा सूमो गाड़ी लेकर जा रहा था। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
रेस्क्यू टीम को देर रात करीब 11 बजे मलबे में एक गाड़ी का बंपर मिला। इसके बाद शक गहराया कि एक वाहन भी दबा हुआ है। भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाकर बुधवार सुबह 9:46 बजे टाटा सूमो और उसके चालक का शव बरामद किया गया।
घटना की सूचना मिलते ही डीसी मंडी अपूर्व देवगन, एसपी साक्षी वर्मा, विधायक राकेश जम्वाल प्रशासनिक टीम और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व होमगार्ड के जवान मौके पर पहुंचे। पूरी रात रेस्क्यू अभियान चलता रहा, लेकिन बुधवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई भारी बारिश ने राहत कार्यों में बाधा डाल दी। फिर भी जवान लगातार मलबा हटाकर दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं।
सुंदरनगर का यह हादसा इलाके के लिए सबसे बड़े दुखद घटनाक्रमों में से एक बन गया है। एक ही परिवार के चार लोगों सहित सात मौतों से पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।