#हादसा
September 25, 2025
हिमाचल: सड़क से गुजर रहा था स्कूटी सवार, पहाड़ी से ऊपर आ गिरे पत्थर; थम गई सांसें
सिर पर पत्थर लगने से स्कूटी सवार की थमी सांसें
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रामपुर बुशहर (शिमला)। हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश भले ही अब थम चुकी है, लेकिन पहाड़ों का दरकना थमा नहीं है। प्रदेश के कई हिस्सों में अब भी भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक दर्दनाक घटना शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के कुड़ीधार क्षेत्र में सामने आई है, जहां अचानक पहाड़ी से भारी भरकम पत्थर सड़क पर आ गिरे। इन पत्थरों की चपेट में आने से सड़क पर से गुजर रहा एक स्कूटी सवार आ गया। जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह हादसा उस समय हुआ जब 68 वर्षीय रामकिशन निवासी गांव बड़ा डाकघर नीरथ तहसील रामपुर जिला शिमला अपनी स्कूटी (एचपी. 06बी, 3449) से कुड़ीधार के पास से गुजर रहे थे। अचानक ऊपर पहाड़ी से एक विशाल पत्थर तेज रफ्तार से लुढ़कता हुआ सीधे उनके सिर पर आ गिरा। जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया। हादसे के बाद स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल अवस्था में रामकिशन को खनेरी अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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हादसे की जानकारी मिलते ही रामपुर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने मामले की पुष्टि करते हुए धारा 174 के तहत केस दर्ज कर लिया है और हादसे की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।
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कुड़ीधार क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। रामपुर हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गहरा रोष है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह इलाका अत्यधिक संवेदनशील हो गया है, लेकिन अभी तक न तो सुरक्षा दीवार बनाई गई है और न ही ट्रैफिक को अन्य मार्गों की ओर मोड़ा गया है। उनका कहना है कि प्रशासन को पहले से ही इस क्षेत्र की संवेदनशीलता की जानकारी थी, लेकिन फिर भी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।
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प्रदेश में भारी बारिश का दौर अब भले ही खत्म हो चुका है, लेकिन हाल की घटनाएं यह साबित कर रही हैं कि बारिश के बाद भी पहाड़ों का खतरा बना हुआ है। रामपुर, शिमला, कुल्लू, चंबा और मंडी जैसे जिलों में पहाड़ी दरकने की घटनाएं लगातार जानलेवा साबित हो रही हैं। इस मानसून सीजन में सैकड़ों लोगों की जान इन आपदाओं में जा चुकी है।
रामपुर हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गहरा रोष है। उनका कहना है कि प्रशासन को पहले से ही इस क्षेत्र की संवेदनशीलता की जानकारी थी, लेकिन फिर भी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। लोगों ने मांग की है कि तुरंत इस क्षेत्र में रिटेनिंग वॉल बनाई जाए और खतरे वाले क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।