#हादसा
October 8, 2025
बिलासपुर घटना - सुक्खू सरकार ने किया 4-4 लाख देने का ऐलान, जाने पूरी खबर
बस पर पहाड़ी से गिरा भारी मलबा- हुई चकानचूर
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बिलासरपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम को एक दिल दहला देने वाला बस हादसा पेश आया है। इस हादसे ने पूरे हिमाचल को हिला कर रख दिया है। हादसे में चार महिलाओं और तीन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है।
इस हादसे के बाद पूरे हिमाचल में माहौल गमगीन बना हुआ है। प्रदेश के मुखिया सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पिछली रात बिलासपुर में बहुत दुखद घटना हुई है। यह हादसा बेहद पीड़ादायक है।
उन्होंने बताया कि सुक्खू सरकार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। CM सुक्खू ने बताया कि जैसे ही उन्हें प्रशासन से सूचना मिली और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने विस्तृत जानकारी दी, उन्होंने तुरंत राहत कार्यों के लिए मशीनरी और अतिरिक्त दल मौके पर भेजने के निर्देश दिए।
CM सुक्खू ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार हर संभव मदद करेगी। इस हादसे में बचाव दलों ने दो बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला है। बताया जा रहा है कि ये दोनों एक ही परिवार से हैं और उस बस में अपने मां, चाची और दो भाइयों के साथ सवार थे। हादसे में बच्चों की मां, चाची और उनके दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई है।
विदित रहे कि, बीते कल देर शाम करीब साढ़े छह बजे बरठीं क्षेत्र में भूस्खलन की चपेट में आने से एक निजी बस पूरी तरह मलबे में दब गई। इस हादसे में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इस बस में करीब 18 लोग सवार थे। जिसमें से 16 दो मासूम बच्चों को क्षतिग्रस्त बस से सुरक्षित निकाला गया है।
घटना शुक्र खड्ड के किनारे भल्लू पुल के पास की है। जहां मरोतन से घुमारवीं जा रही संतोषी ट्रैवल्स की निजी बस पर अचानक पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिर पड़े। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस की छत उड़कर खड्ड के किनारे जा पहुंची, जबकि पूरा मलबा बस पर गिरने से वाहन पूरी तरह दब गया।
गौरतलब है कि दीवाली से पहले हुई इस त्रासदी ने कई घरों की खुशियां छीन लीं। जहां एक तरफ लोग रोशनी के पर्व की तैयारी में जुटे थे, वहीं दूसरी ओर बिलासपुर की इस पहाड़ी ढलान ने कई परिवारों के जीवन में अंधेरा फैला दिया। मलबे के बीच से निकलते शवों के साथ मातम की चीखें अब भी थम नहीं रही हैं।