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July 17, 2025

हिमाचल : 6 दिन से परिजन कर रहे थे तलाश, खड्ड में पड़ी मिली देह; मची चीख-पुकार

बाढ़ में बहने की आशंका-पूरे गांव में पसरा मातम

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Mandi News

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के नेरचौक क्षेत्र से एक बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नागचला के पास बह रही खड्ड से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है। व्यक्ति पिछले करीब 6 दिन से लापता था और परिजनों उसकी तलाश में दर-दर भटक रहे थे।

6 दिन से लापता था व्यक्ति

मृतक की पहचान बल्ह उपमंडल के कंसा चौक निवासी 42 वर्षीय रामचंद्र पुत्र बशाखू राम के रूप में हुई है। रामचंद्र जो बीते शुक्रवार से रहस्यमय ढंग से लापता था और परिजन दिन-रात उसकी तलाश में जुटे हुए थे।

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खड्ड किनारे मिला शव

जानकारी के अनुसार, बीते कल कुछ स्थानीय लोगों की नजर खड्ड किनारे बहते एक शव पर पड़ी। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बल्ह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक भेजा गया। मेडिकल जांच के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बारिश में बह जाने की आशंका

परिवार और स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि बीते हफ्ते हुई भारी बारिश के कारण खड्ड का जलस्तर अचानक काफी बढ़ गया था। आशंका है कि रामचंद्र बारिश के दौरान किसी काम से बाहर निकला हो और अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गया हो। पानी के तेज बहाव ने उसे बहा दिया और वह कई दिनों तक लापता रहा।

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पढ़ा-लिखा था युवक, कर रहा था मेहनत-मजदूरी

रामचंद्र एक शिक्षित और मेहनती युवक था। उसने MA और B.ED की डिग्री हासिल कर रखी थी। वह नौकरी की तलाश में था, लेकिन जब तक उसे कोई स्थायी रोजगार नहीं मिला, वह मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। परिजनों के अनुसार, वह शुक्रवार को घर से निकला था और वापस नहीं लौटा। लगातार प्रयासों के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं लग पाया था।

गांव में पसरा मातम

रामचंद्र की असामयिक और रहस्यमयी मौत से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि खड्डों और प्राकृतिक जलधाराओं के किनारे चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा जाल और बैरिकेड्स जैसी सुविधाएं स्थापित की जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम में जलधाराएं अचानक रौद्र रूप ले लेती हैं, जिससे आए दिन लोग जान गंवा बैठते हैं। सुरक्षा उपायों की कमी और चेतावनी प्रणाली के अभाव में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिन्हें गंभीरता से लेना अब आवश्यक हो गया है।

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