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July 17, 2025
हिमाचल : घर पहुंची शहीद की पार्थिव देह, तिरंगे में लिपटे पुष्पेंद्र को देख बेसुध हुई मां और पत्नी
पुष्पेंद्र की पार्थिव देह देख परिजनों मे मची चीख-पुकार
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रिकांगपिओ। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के वीरगति हासिल करने वाले 29 वर्षीय नायक पुष्पेंद्र नेगी की पार्थिव देह आज उनके घर पहुंच गई है। पुष्पेंद्र को तिरंगे में लिपटा देखकर परिजनों में चीख-पुकार मची हुई है। पार्थिव देह को कुछ देर घर में रखने के बाद दोपहर तक अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
पुष्पेंद्र की पत्नी और मां उनकी पार्थिव देह से लिपट-लिपट कर खूब रो रही हैं। पुष्पेंद्र के पिता का भी रो-रो कर बुरा हाल है। 6 साल का मासूम एक टक लगाए हुए परिजनों को रोता-बिलाखता देख रहा है।
बता दें कि पुष्पेंद्र के परिजन मंगलवार से बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं- ताकि वो आखिरी बार अपने लाडले को जी भर के निहार सकें। पुष्पेंद्र के जाने से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
आज सुबह जैसे ही पुष्पेंद्र की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो- पूरा इलाका शहीद पुष्पेंद्र अमर रहे के नारों से गूंज उठा। पुष्पेंद्र की पार्थिव देह को अभी अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर रखा गया है। कुछ ही देर बाद सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
शहीद 29 वर्षीय नायक पुष्पेंद्र नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की सांगला तहसील के छोटे से गांव थैमगारंग के रहने वाले थे। वह 19 डोगरा रेजीमेंट में तैनात थे और इस समय असम में ड्यूटी दे रहे थे। उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही न सिर्फ उनके गांव बल्कि पूरे किन्नौर जनपद में शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, नायक पुष्पेंद्र असम में ड्यूटी के दौरान अचानक आई तेज हवाओं के बीच पेड़ की भारी टहनी की चपेट में आ गए। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही उनकी जान चली गई। सेना ने मंगलवार देर शाम यह दुखद समाचार पुष्पेंद्र के परिवार को फोन पर दिया। सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
नायक पुष्पेंद्र की मौत से उनके घर में पिता महेंद्र सिंह नेगी, माता सरला देवी, पत्नी कीर्ति नेगी और छह वर्षीय बेटे एतिक को गहरा आघात लगा है। गांव में हर आंख नम है, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके घर पर लगातार लोगों का तांता लगा हुआ है, जो इस अपूरणीय क्षति पर परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं।
बता दें कि मंगलवार को ही कांगड़ा जिला का भी एक जवान ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया है। यह जवान कांगड़ा के बैजनाथ के छोटे से धरेड़ गांव का रहने वाला था। 45 वर्षीय जवान रमेश कुमार वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एसएसबी में तैनात थे। जवान रमेश की मौत हार्ट अटैक से हुई बताई जा रही है। रमेश की देह भी आज उनके पैतृक गांव में पहुंच सकती है।