#हादसा

July 2, 2025

हिमाचल : बाढ़ आती देख पिता ने छत से लगाया लाडले को फोन, कहा- बेटा अपना ख्याल रखना, अब हम चले

खामोशी और गम में डूबा पूरा इलाका- हर तरफ पसरा मातम

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Mandi Flood

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बीते सोमवार की रात जो हुआ- उसके बाद से हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है। स्यांच पंचायत के पंगल्यूर गांव में जो हुआ, उसने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया। भारी बारिश और अचानक उफनी टकोली खड्ड ने गांव के नौ लोगों को निगल लिया। इनमें सबसे मार्मिक कहानी है 70 वर्षीय पदम सिंह की, जिन्होंने जाने से पहले अपने बेटे को आखिरी बार फोन किया।

पदम सिंह ने बेटे को आया आखिरी फोन

बेटे को फोन कर पदम सिंह ने कहा- "बेटा, अपना ख्याल रखना...अब हम चले...पोता-पोती का ध्यान रखना..."। कुछ पल चीख-पुकार की आवाजें आईं और फिर फोन आउट ऑफ रीच हो गया। बेटा अब पिता के आखिरी शब्द याद कर रो रहा है और मलबे में अपने माता-पिता को तलाश रहा है।

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रिश्तेदार के घर गया था बेटा

पदम सिंह का बेटा उस वक्त अपनी पत्नी और बच्चों के साथ किसी रिश्तेदार के घर गया हुआ था। वह यह कभी सोच भी नहीं सकता था कि उसके माता-पिता की यह कॉल, उनकी जिंदगी की आखिरी आवाज बन जाएगी।

जान बचाने के लिए छत पर चले गए

पदम सिंह अपनी पत्नी के साथ अपने घर में थे जब रात करीब 2 बजे टकोली खड्ड ने रौद्र रूप धारण कर लिया। पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि उन्होंने जान बचाने के लिए घर की छत पर शरण ली, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

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लापता हुए 9 लोग, एक भी शव नहीं मिला

इस त्रासदी में सिर्फ पदम सिंह और उनकी पत्नी ही नहीं, बल्कि उनके पड़ोस के झाबे राम का पूरा परिवार भी लापता है। झाबे राम, उनकी पत्नी, मां, बहू, बेटा और दो छोटे बच्चे (पोता-पोती) भी इस आपदा की चपेट में आ गए।

खामोशी और गम में डूबा पूरा इलाका

पूरा इलाका इस समय खामोशी और गम में डूबा हुआ है। राहत व बचाव टीमों को अब तक किसी भी लापता व्यक्ति का शव नहीं मिल पाया है। जिस समय यह हादसा हुआ, उस वक्त पूरे क्षेत्र में बिजली नहीं थी। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश, तेज खड्ड का बहाव और रात का अंधकार—इन सबने मिलकर किसी को भी मदद के लिए आगे आने नहीं दिया। यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि लापता लोगों ने किस तरह मदद की गुहार लगाई होगी, पर कोई भी उन तक नहीं पहुंच सका।

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येलो अलर्ट के बीच रेड अलर्ट जैसा कहर

आपको बता दें कि 30 जून को मौसम विभाग ने प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया था, लेकिन मंडी जिले के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जैसी बारिश ने तबाही मचा दी। कई परिवारों के लिए यह बारिश जिंदगी भर का सदमा और न भरने वाला नुकसान छोड़ गई है।

मलबे में दफन हुए आशियाने

स्थानीय लोग और पंचायत प्रतिनिधि इस घटना से बेहद आहत हैं। क्षेत्र में उचित चेतावनी प्रणाली और पूर्व तैयारी की कमी पर भी सवाल उठ रहे हैं। गांव के बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं अब अस्थायी टेंटों में रह रहे हैं, लेकिन उनके घर, रिश्ते और यादें मलबे में दफन हो चुकी हैं।

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