#हादसा

October 13, 2025

हिमाचल के नाग मंदिर का मिटा नामोनिशान, अभी नहीं हुई थी प्राण प्रतिष्ठा- 2.5 करोड़ का नुकसान

तीन मंजिला भव्य मंदिर राख का ढेर बन गया

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Jahru Nag Temple Shimla Rampur Himachal Police

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। यहां रामपुर उपमंडल के शनेरी गांव में रविवार रात करीब सात बजे एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को हिला दिया।

जाहरू नाग मंदिर में लगी आग

गांव के प्रसिद्ध जाहरू नाग मंदिर में अचानक आग लग गई, जिसने कुछ ही समय में पूरे मंदिर को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते यह तीन मंजिला भव्य मंदिर राख का ढेर बन गया। बताया जा रहा है कि मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका था और इसका उद्घाटन कुछ ही दिनों में होने वाला था।

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स्वाहा हुआ पूरा मंदिर

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शाम के समय मंदिर के परिसर से अचानक धुआं उठता दिखाई दिया। पहले लोगों को लगा कि पास के खेतों में कोई घास जला रहा है, लेकिन कुछ ही पलों में आग की लपटें आसमान छूने लगीं।

आग बुझाने की कोशिश नहीं आई काम

आसपास के ग्रामीण मौके पर दौड़े और पानी की बाल्टियों और पाइपों से आग बुझाने का प्रयास किया, मगर मंदिर की पूरी संरचना लकड़ी की होने के कारण आग तेजी से फैल गई और किसी की कोशिश काम नहीं आई।

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पूरे इलाके में मची अफरा-तफरी

अग्निशमन विभाग को सूचना मिलते ही दमकल की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक मंदिर पूरी तरह जल चुका था। आग की भीषणता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आसपास के घरों तक गर्मी और धुआं फैल गया था। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

ढाई करोड़ का नुकसान

जानकारी के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण करीब ढाई करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा था। इसमें से 60 लाख रुपए सरकार की ओर से अनुदान के रूप में प्रदान किए गए थे, जबकि शेष राशि स्थानीय श्रद्धालुओं और प्रवासी ग्रामीणों के सहयोग से जुटाई गई थी। मंदिर के भीतर कीमती लकड़ी की नक्काशी, देव मूर्तियां, धार्मिक ग्रंथ और धातु की सजावट सामग्री भी पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई।

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कैसे लगी मंदिर में आग?

पंचायत प्रधान राज कुमार गौतम ने बताया कि “आग लगने की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस को अवगत कराया गया है। राजस्व विभाग की टीम ने मौके का दौरा किया है और नुकसान का आकलन शुरू कर दिया गया है। आग के कारणों की जांच भी की जा रही है।”

 

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र था, जहां हर वर्ष जाहरू नाग देवता का पारंपरिक मेला और पूजा-अर्चना आयोजित की जाती थी। मंदिर के नष्ट होने से पूरे इलाके में शोक और रोष का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मंदिर के पुनर्निर्माण और प्रभावित कमेटी को मुआवजा देने की मांग की है।

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जांच में जुटी पुलिस टीम

कई ग्रामीणों का मानना है कि अगर दमकल विभाग की टीम समय पर पहुंच जाती या इलाके में पर्याप्त फायर सेफ्टी व्यवस्था होती, तो मंदिर को कुछ हद तक बचाया जा सकता था।फिलहाल, पुलिस और प्रशासन ने इस हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट या किसी दीपक की लौ से यह आग लग सकती है।

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