#हादसा

October 12, 2025

हिमाचल में हर मोड़ पर खतरा! सर्पीली सड़कों पर 9 महीने में हुए 1406 हा*दसे; 575 लोगों की गई जा*न

सूबे की सड़कें बरसात या बर्फबारी के मौसम में और भी खतरनाक हो जाती हैं

शेयर करें:

HIMACHAL PRADESH ROADS

शिमला। पहाड़ों की खूबसूरती के बीच मौत का सफर जारी है। हिमाचल प्रदेश, जो अपनी मनमोहक घाटियों और घुमावदार सड़कों के लिए जाना जाता है, अब सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं से चिंतित है।

9 महीने में 1406 सड़क हादसे

वर्ष 2025 में केवल नौ माह (सितंबर तक) के दौरान प्रदेश में 1406 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 575 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2298 लोग घायल हुए हैं। ये आंकड़े न केवल भयावह हैं, बल्कि इस बात का संकेत भी हैं कि राज्य में सड़क सुरक्षा अब एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : युवकों से मिली 6KG से ज्यादा चरस, नई कार में निकले थे सप्लाई करने- चढ़े पुलिस के हत्थे

हर मोड़ पर खतरा...

हिमाचल प्रदेश की अधिकांश सड़कें संकरी, घुमावदार और फिसलन भरी हैं। बरसात या बर्फबारी के मौसम में ये और भी खतरनाक हो जाती हैं। पुलिस के अनुसार, ओवर स्पीडिंग, ओवरटेकिंग, वाहन चालकों की लापरवाही, और थकान में ड्राइविंग अधिकांश हादसों की जड़ हैं।

क्यों हो रही सड़क दुर्घटनाएं?

इसके साथ ही सड़क किनारे अवैध पार्किंग, अतिक्रमण, निर्माण के दौरान तकनीकी मानकों की अनदेखी और रात में दृश्यता की कमी व साइनेज ना होना भी दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है।

यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार का ऐतिहासिक फैसला: बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू बेचने वालों पर कसेगा शिकंजा

सड़क सुरक्षा के अभियान...

राज्य सरकार और पुलिस विभाग की ओर से लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनका असर अब आंकड़ों में दिखने लगा है। 2022 में प्रदेश में 2597 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1032 लोगों की मौत और 4063 लोग घायल हुए।

575 लोगों की मौत

2023 में हादसों की संख्या घटकर 2253 रह गई, मौतें 889 और घायल 3304 रहे। 2024 में 2157 हादसों में 868 लोगों की मौत और 3227 लोग घायल हुए। जबकि, 2025 में सितंबर तक ही 1406 हादसों में 575 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।

यह भी पढ़ें : प्रतिभा सिंह के भतीजे की कार से कुचल कर छीन ली थी सांसें, 8 साल बाद मामले में हुआ बड़ा खुलासा

ब्लैक स्पॉट्स पर फोकस

हिमाचल पुलिस और परिवहन विभाग ने मिलकर राज्य भर में ब्लैक स्पॉट्स (दुर्घटनाग्रस्त स्थानों) की पहचान की है। इन स्थानों पर सड़क चौड़ीकरण, चेतावनी संकेतक और बैरियर लगाए जा रहे हैं। साथ ही, ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली को अधिक कठोर बनाया गया है। अब प्रत्येक चालक को व्यवहारिक प्रशिक्षण और वाहन नियंत्रण की परीक्षा से गुजरना अनिवार्य है।

ट्रैफिक नियमों की प्रति जागरूकता

राज्य पुलिस ने सड़क सुरक्षा सप्ताह, यातायात जागरूकता अभियान और स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार शुरू किए हैं, ताकि नई पीढ़ी को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया जा सके। वहीं, पंचायत स्तर पर भी स्थानीय स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें ग्रामीण सड़कों की सुरक्षा और ट्रैक्टर-जीप चालकों को विशेष हिदायतें दी जा रही हैं।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : गांव के बेटे को मिली विदेश में नौकरी, करेगा वर्क फ्रॉम होम- 10 लाख मिलेगा पैकेज

रेस्क्यू तंत्र हुआ मजबूत

इमरजेंसी हालात में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए एम्बुलेंस सेवाओं और हेली-रेस्क्यू सिस्टम को अधिक सक्रिय बनाया गया है। अब गंभीर दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को हवाई मार्ग से बड़े अस्पतालों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख