#हादसा
July 3, 2025
हिमाचल में बादल फटने से मचा कहर: कई गांव जलप्रलय में समाए, 18 ने गंवाया जीवन, 34 लापता
स्याठी गांव बहा, 61 ग्रामीण मुश्किल से बचाए गए
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मंडी। कुदरत ने हिमाचल पर एक बार फिर कहर बरपा दिया है। मंडी जिले के धर्मपुर में स्याठी गांव पूरा का पूरा जलसैलाब में बह गया। 61 ग्रामीणों को कड़ी मशक्कत से बचाया गया लेकिन अब भी 34 लोग लापता हैं, जिनमें से ज्यादातर सराज क्षेत्र से हैं।
NDRF की टीमें थुनाग बाजार तक तो पैदल पहुंची हैं लेकिन पखरैर और जरोल जैसे गांव अब भी प्रशासन की पहुंच से बाहर हैं। मंडी में 16 समेत प्रदेश भर में कम से कम 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
बादल फटने और भूस्खलन के कारण मंडी, करसोग, थुनाग और जंजैहली की सड़कें पूरी तरह टूट गईं। सड़कों के अवरुद्ध होने से ना सिर्फ राहत कार्य प्रभावित हुआ है, बल्कि संचार, बिजली और पानी की सेवाएं भी ठप हो चुकी हैं। सराज घाटी में तीसरे दिन भी बिजली और दूरसंचार ठप हैं, जिससे लापता लोगों की तलाश और अधिक मुश्किल हो गई है।
CM सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिले के आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और कहा कि विशेष राहत पैकेज के तहत मुआवजा बढ़ाया जाएगा। उन्होंने वायुसेना की मदद से थुनाग और जंजैहली में 1000 राहत किट भेजीं, जिनमें आटा, चावल, दाल, नमक और अन्य जरूरी सामान शामिल है। दो गर्भवती महिलाओं को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया और थुनाग में संचार व्यवस्था बहाल करने के लिए वी-सैट यूनिट भेजी गई।
स्यांज और करसोग क्षेत्र से अब तक तीन और शव बरामद किए गए हैं। बाढ़ में बहे दो शवों का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। जंजैहली में पुलिस तो पहुंच चुकी है, लेकिन जिला प्रशासन अब भी नदारद है। बल्ह पुलिस थाना से टीमें रवाना की गई हैं ताकि फंसे लोगों तक मदद पहुंच सके।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मंडी में 148 मकान, 104 गोशालाएं और 14 पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। 31 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं और 918 बिजली ट्रांसफॉर्मर व 683 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं। प्रदेश में अब तक 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया है, और कुल्लू के बंजार घाटी से 250 सैलानियों को सुरक्षित निकाला गया है।
CM सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन की भूमिका हो सकती है और इस पर केंद्र व राज्य सरकारों को संयुक्त अध्ययन करना चाहिए। सवाल यह भी उठता है कि क्या स्थानीय प्रशासन ऐसे संवेदनशील इलाकों में पहले से अलर्ट नहीं कर सकता था?
मौसम विभाग ने हिमाचल में 5 से 7 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यानी अभी राहत नहीं, खतरे की घंटी और तेज़ हो सकती है। ऐसे में लोगों से आग्रह है कि घर पर ही रहें और सुरक्षित रहें।
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