#विविध
July 2, 2025
बाढ़ प्रभावितों का दुख बांटने मंडी पहुंचे सीएम सुक्खू, क्या किए एलान ? यहां जानें
विशेष राहत पैकेज देने का किया ऐलान
शेयर करें:
मंडी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर उपमंडल की लौंगणी पंचायत स्थित स्याठी गांव का दौरा किया, जहां हाल ही में हुई बादल फटने की घटना ने व्यापक तबाही मचाई है। मुख्यमंत्री ने आपदा में प्रभावित हुए परिवारों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी और प्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
इस आपदा में गांव के कुल 61 लोग प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश के कारण भूस्खलन और मलबे से 20 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही कई गऊशालाएं भी जमींदोज हो गई हैं और पशुधन का भी भारी नुकसान हुआ है।
प्रशासन की तत्परता से सभी प्रभावितों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया और राहत शिविरों में शरण दी गई है। फिलहाल प्रशासन की ओर से अब तक 1.70 लाख रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता के साथ-साथ आवश्यक सामग्री भी प्रदान की जा चुकी है।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के समक्ष आपबीती सुनाते हुए बताया कि आपदा ने उनकी जीवनभर की मेहनत मिट्टी में मिला दी है। किसी का घर ढह गया, तो किसी की जमीन बह गई। कुछ लोग तो जान बचाने के लिए पहाड़ियों पर चढ़कर रात भर छिपे रहे।लोगों ने सरकार से स्थायी पुनर्वास की मांग की और कहा कि सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, रहने के लिए जमीन और नया जीवन शुरू करने के लिए मदद चाहिए।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जिन लोगों के मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें विशेष राहत पैकेज के तहत सहायता दी जाएगी। वहीं जिनकी गऊशालाएं नष्ट हुई हैं, उन्हें भी सरकार की ओर से अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों की जमीन आपदा की भेंट चढ़ गई है, उनके लिए वैकल्पिक भूमि की व्यवस्था की जाएगी। यदि सरकारी भूमि उपलब्ध हुई तो उन्हें प्राथमिकता पर दी जाएगी, अन्यथा वन भूमि को मंजूरी दिलवाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मंडी जिले में बीते कुछ दिनों से मूसलधार बारिश और भूस्खलनों के चलते अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग लापता हैं। गोहर, थुनाग, जोगिंद्रनगर और करसोग उपमंडलों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और लापता लोगों की तलाश लगातार की जा रही है।
अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने इस तरह की आपदाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में राज्य में 8 से 10 बादल फटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो साफ तौर पर जलवायु असंतुलन की ओर इशारा करती हैं। उन्होंने केंद्र व राज्य स्तर पर वैज्ञानिक अध्ययन और आपदा प्रबंधन की आधुनिक रणनीति विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।