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July 10, 2025

हिमाचल: मां-बाप ने खो दिया इकलौता बेटा, 10 साल थी उम्र; रात को सोते समय हो गई अनहोनी

मासूम बेटे की देह देख मां बाप पर टूटा दुखों का पहाड़

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Hamirpur snake Bite

हमीरपुर। हिमाचल के हमीरपुर जिला से एक दिल को दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक परिवार ने अपना इकलौता मासूम बेटा खो दिया है। बेटा मात्र 10 साल का था। बेटे की इस तरह से अचानक मौत से मां बाप पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बेटे के शव को देख कर मां बार बार बेसुध हो रही है। वहीं इस घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है। यह मार्मिक घटना हमीरपुर जिला के उपमंडल नादौन के तहत आते दाड़ गांव की है।

कैसे हुई बच्चे की मौत

दाड़ गांव में एक 10 साल के मासूम बच्चे की सांप के काटने से मौत हो गई है। बरसात के मौसम में जहरीले सांपों द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और अब इसकी चपेट में एक मासूम बच्चा भी आ गया। मृतक बच्चे की पहचान 10 वर्षीय दक्ष कुमार पुत्र कृष्ण दत्त के रूप में की गई है। दक्ष राजकीय मिडिल स्कूल दाड़ में छठी कक्षा में पढ़ता था।

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रात को अपने माता पिता के साथ सोया था बच्चा

दक्ष अपने माता पिता का इकलौता बेटा था और उम्मीदों का सहारा था। बताया जा रहा है कि बुधवार रात दक्ष अपने माता.पिता के साथ कमरे में सो रहा था, तभी अचानक एक जहरीले सांप ने उसे डंस लिया। कुछ ही देर में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे तुरंत ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गलोड लेकर पहुंचे। वहां तैनात चिकित्सक डॉ मोहित डोगरा ने प्राथमिक उपचार के बाद हालात की गंभीरता को देखते हुए उसे 108 एंबुलेंस की मदद से हमीरपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया। मगर लाख कोशिशों के बावजूद दक्ष को बचाया नहीं जा सका। उपचार के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया।

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परिवार के साथ पूरे गांव में पसरा मातम

दक्ष की मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई और पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ग्राम पंचायत प्रधान सुरजीत कुमार ने बताया कि दक्ष अपने माता.पिता का इकलौता बेटा था। पिता कृष्ण दत्त मेहनत.मजदूरी कर परिवार चलाते हैं और परिवार पहले बीपीएल सूची में भी शामिल था। प्रधान ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस दुखद घड़ी में पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए, ताकि इस त्रासदी से उबरने में उन्हें कुछ सहारा मिल सके।

 

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बरसात में बढ़ रहे हैं सर्पदंश के मामले

विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के मौसम में सांप अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं और अक्सर रिहायशी इलाकों में घुस आते हैं, जिससे इस तरह की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह खतरा और अधिक होता है, जहां मकानों की नींव और आसपास की जगह सांपों के छिपने के लिए मुफीद होती है।

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