#हादसा
April 14, 2025
हिमाचल : बाजार से सामान लेकर घर लौट रहा था व्यक्ति, सड़क से फिसलकर गहरी खाई में गिरी कार
गाड़ी का चालक क्षतिग्रस्त गाड़ी में ही फंस गया था
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक सड़क हादसा पेश आया है। यहां रामपुर उपमंडल के तकलेच बाजार के पास एक कार 100 मीटर गहरी खाई में गिर गई है। हादसे के वक्त कार में सिर्फ चालक ही सवार था। गाड़ी के खाई में गिरते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई।
हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। गाड़ी का चालक क्षतिग्रस्त गाड़ी में ही फंस गया था। पुलिस टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से कड़ी मशक्कत कर चालक को क्षतिग्रस्त गाड़ी में से बाहर निकाला।
मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा बीती शाम को पेश आया है। हादसे के वक्त कार चालक अपनी ब्रिजा कार को लेकर तकलेच बाजार से सामान लेकर वापस रहा था। इसी बीच थोड़ी आगे जाते ही बाजार के पास उसकी कार सड़क से फिसलकर 100 मीटर गहरी खाई में गिर गई।
गनीमत रही कि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। हादसे में कार ड्राइवर को गंभीर चोटें आई हैं। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए हैं। घायल को उपचार के लिए पहले तकलेच अस्पताल ले जाया गया। जहां पर किसी डॉक्टर के मौजूद ना होने के कारण उसे खनेरी अस्पताल रेफर कर दिया गया। घायल की पहचान यशवंत सिंह के रूप में हुई है- जो कि देवठी गांव का रहने वाला है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसा सड़क पर सुरक्षा रेलिंग ना होने के कारण पेश आया है। उनका कहना है कि यहां पर पहले भी कई वाहन हादसे का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने PWD विभाग ने दुर्घटनास्थल और पूरे रास्ते पर जल्द सुरक्षा रेलिंग लगाने की मांग की है।
उधर, मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, हादसे के असली कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस टीम हादसे के कारणों की जांच-पड़ताल कर रही है।
विदित रहे कि, हिमाचल प्रदेश की वादियों में अब सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता नहीं, बल्कि सड़कों पर बिछती दर्दनाक कहानियां भी आम होती जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों से प्रदेश के विभिन्न जिलों में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। कहीं तेज रफ्तार ने किसी घर का चिराग बुझा दिया, तो कहीं लापरवाही ने पूरे परिवार को जीवन भर का दर्द दे दिया।ताजा आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ मार्च और अप्रैल के पहले दो हफ्तों में ही दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। अधिकतर हादसे तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग, नशे की हालत में वाहन चलाने और खराब सड़क संरचना के कारण हो रहे हैं।
कई मामलों में युवक या युवा दंपत्ति जीवन की शुरुआत में ही हादसे का शिकार हो जाते हैं, जिससे घर में बुजुर्ग माता-पिता और छोटे बच्चे पीछे रह जाते हैं। हादसे की खबर सुनते ही गांव-शहर के माहौल में मातम छा जाता है, लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर वही रफ्तार, वही लापरवाही और वही दर्द दोहराया जाता है।