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March 18, 2025

आउटसोर्स भर्तियों का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने गेंद हिमाचल हाईकोर्ट के पाले में डाली 

8 हफ्ते में सुनवाई पूरी करने को कहा, भर्तियों पर रोक जारी 

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himachal High Court Outsourced Recruitment

शिमला। हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स भर्तियों को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने वापस हिमाचल हाईकोर्ट के पास भेज दिया है। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि हिमाचल हाईकोर्ट को इस याचिका की सुनवाई 8 हफ्ते में करनी होगी और मामला निपटने तक राज्य में आउटसोर्स भर्तियों पर रोक जारी रहेगी। 
हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट के 8 जनवरी 2025 के आदेशों को चुनौती दी थी।

 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अर्जी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में स्थायी भर्तियों की नियुक्तियों की जरूरत है। अदालत ने कहा कि अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी के साथ काम करते हुए कुछ अनहोनी हो गई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। अगर सरकार ने नर्सों की स्थायी नियुक्ति के लिए पद विज्ञापित किए हैं तो यह अदालत को बताएं। अदालत ने सरकार को आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में कैसे पारदर्शिता लाई जाए, इस पर विचार करने को कहा था। साथ ही अदालत ने भर्तियां करने वाली कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

 

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23 नर्सों की भर्ती के निकाले थे विज्ञापन

सरकार की ओर से अर्जी में कहा गया था कि प्रदेश में स्वास्थ्य महकमे में नर्सों की तत्काल आवश्यकता है। विभाग बिना नर्सों के नहीं चल सकता। हिमाचल सरकार ने भारत सरकार के ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत नर्सों के 28 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले हैं। हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की भर्तियों पर लगा रखी है। 

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रेगुलर नेचर वाले काम को आउटसोर्स नहीं कर सकते

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सरकार की ओर से दायर अर्जी पर आपति जताई है। सरकार उन पदों को भी आउटसोर्स और कंट्रेक्ट पर भर रही है। जबकि प्रदेश में नर्सों के 600 से ऊपर पद खाली पड़े हैं। रेगुलर नेचर वाले काम को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता। नर्सों का काम स्थायी है न कि अस्थायी। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन आउटसोर्स और कंट्रेक्ट पदों पर स्पष्ट नहीं है। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।

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