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March 17, 2025
सुक्खू सरकार ने 6 रुपए बढ़ाए दूध के दाम, दुग्ध उत्पादकों को 8 रुपए होगा फायदा; जानें कैसे
दुग्ध उत्पादकों को मिलेगी ट्रांसपोर्ट सबसिडी
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। सीएम सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कई घोषणाएं कीं और कई वर्गों को राहत देने का प्रयास किया। सीएम सुक्खू ने आज दूध के खरीद मूल्य में भी बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। जिससे प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को राहत मिली है।
दरअसल सीएम सुक्खू ने प्रदेश में दूध की खरीद को समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया। अपने बजट भाषण में सीएम सुक्खू ने कहा कि दूध खरीद का समर्थन मूल्य 45 से बढ़ाकर 51 किया गया है, जबकि भैंस के दूध का खरीद समर्थन मूल्य 55 से बढ़ाकर 61 रुपए प्रति किलो किया गया है। यानी की प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को उनके दूध के प्रति लीटर छह रुपए अधिक मिलेंगे।
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इतना ही नहीं सीएम सुक्खू ने अपने बजट भाषण में यह भी ऐलान किया है कि अगर कोई दुग्ध पालक, किसान या सोसायटी दो किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित नोटिफाइड कलेक्शन सेंटर पर दूध लेकर जाता है तो उसे दो रुपए प्रति लीटर की दर से ट्रांसपोर्ट सबसिडी भी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार बेचे गए दूध में किसान को आठ रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त मिलेंगे। अपने बजट भाषण में सीएम सुक्खू ने पशुपालन विभाग के लिए 673 करोड़ रुपए का सालाना बजट रखा है।
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अपने बजट भाषण में सीएम सुक्खू ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में डेयरी विकास के लिए कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के लिए लगभग 10 करोड़ 73 लाख 27 हजार खर्च किए जाएंगे। परियोजना के तहत मुख्य गतिविधियों में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट डगवार, कांगड़ा में नई केन्द्रीय परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना, दुग्ध उत्पादकों और तकनीकी व्यक्तियों को प्रशिक्षण, दूध खरीद इकाइयों का डिजिटलीकरण शामिल है।
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नाहनए नालागढ़ए मौहलए रोहडू में 20 हजार एलपीडी क्षमता के 4 नए संयंत्र और 2 मिल्क चिलिंग सेंटर ऊना और हमीरपुर में शुरू किए जाएंगे। पशु चिकित्सा, प्रजनन, रोग प्रतिरोधक टीकाकरण, विस्तार सुविधाओं आदि के अतिरिक्त कई नए कदम उठाने जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जिला सोलन के दाड़लाघाट में 4 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से बन रहा कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान क्रियाशील करेगी। भेड़ और बकरी पालकों के कल्याण के लिए एक विस्तृत एवं प्रभावी कार्ययोजना लागू की जाएगी। घुमंतु भेड़ बकरी पालकों के माइग्रेटरी रूट्स को मैप करके जीपीएस से ट्रैक किया जाएगा।