#यूटिलिटी
November 24, 2025
सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला: अब 4 साल में होगी B.ED, अगले सत्र से शुरू होगी व्यवस्था
शिक्षक भर्ती के लिए चार साल की बीएड डिग्री ही होगी मान्य
शेयर करें:

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लिया है। सुक्खू सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हिमाचल में बीएड की डिग्री दो की बजाय चार वर्षों में पूरी की जाएगी। यह परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप है और शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा। इससे पहले बीएड की डिग्री दो साल में होती थी, लेकिन अब सुक्खू सरकार ने इसे चार साल की कर दिया है। बड़ी बात यह है कि पहले बीएड करने के लिए स्नातक डिग्री लेनी पड़ती थी। लेकिन अब छात्र सीधे 12वीं कक्षा के बाद बीएड में दाखिला ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज सोमवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कार्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जिसके लिए चार कॉलेजों को चयनित किया गया है। धर्मशाला, नादौन, चायल कोटी और टिक्कर स्थित सरकारी महाविद्यालयों में सबसे पहले चार साल की बीएड डिग्री कोर्स शुरू किया जाएगा।
यह भी पढ़ें : हिमाचल कैबिनेट: EC की रोक को दरकिनार कर सुक्खू सरकार ने पंचायतों के पुनर्गठन का लिया फैसला
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस तरह के कार्यक्रम का प्रावधान पहले ही किया गया था। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ;भ्च्न्द्ध को कोर्स के पाठ्यक्रम और संरचना तैयार करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राज्य शिक्षा विभाग काफी समय से इस बदलाव पर काम कर रहा था, जिसमें अब औपचारिक मुहर लग गई है।
वर्तमान में हिमाचल के महाविद्यालयों में बीएड की अवधि दो वर्ष है। लेकिन NEP-2020 के अनुसार वर्ष 2030 के बाद शिक्षक भर्ती के लिए न्यूनतम पात्रता चार वर्षीय बीएड डिग्री होगी।
ऐसे में आरएंडपी (भर्ती व पदोन्नति) नियमों को भी सरकार को संशोधित करना पड़ेगा। पहले से दो वर्षीय बीएड करने वाले विद्यार्थियों को भविष्य में ब्रिज कोर्स करवाने का विकल्प दिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल कैबिनेट: 2 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का निर्णय, 800 पुलिस कांस्टेबलों की होगी भर्ती
राज्य में इस समय 73 बीएड कॉलेज और करीब 8000 सीटें हैं, जिनमें से बड़ी संख्या हर साल खाली रह जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बीए, बीएससी और बीकॉम की तरह बीएड को भी इंटीग्रेटेड कोर्स के रूप में लाने से छात्रों की रुचि बढ़ेगी और एडमिशन में सुधार आएगा।
कैबिनेट ने हमीरपुर कॉलेज को पूरी तरह विज्ञान महाविद्यालय के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी है। यहां पर इंटीग्रेटेड बीएसई-बीएड कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही हमीरपुर के लड़कों और लड़कियों के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को एकीकृत कर को-एजुकेशन मॉडल में संचालित करने का निर्णय भी लिया गया है।
यह भी पढ़ें : नहीं रहे बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
शिक्षा विस्तार के इस बड़े पैकेज में फाइन आर्ट्स को भी शामिल किया गया है। कैबिनेट ने:
यह भी पढ़ें: हिमाचल पुलिस की नाक के नीचे से फरार हो रहे कैदी : उठने लगे कई सवाल, कौन देगा जवाब?
नई व्यवस्था लागू होने से हिमाचल प्रदेश पूरे उत्तर भारत में उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा, जो शिक्षक प्रशिक्षण को पूरी तरह चार वर्षीय इंटीग्रेटेड संरचना में परिवर्तित कर रहे हैं।
सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल शिक्षक गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि स्कूल शिक्षा में भी दीर्घकालिक सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।