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May 9, 2025
हिमाचल में लगी भर्तियों पर रोक : अब नए एक्ट से होंगी नियुक्तियां- पढ़ें पूरा आदेश
नियुक्ति प्रस्ताव सबकुछ अब नए कानून के नियमों के अनुसार ही तय होगा
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की भर्ती प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए अब अनुबंध आधारित नियुक्तियों को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। यह निर्णय हाल ही में लागू हुए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें अधिनियम, 2024 के तहत लिया गया है।
इस नए कानून के तहत अब प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्तियां अनुबंध पर नहीं, बल्कि दो साल के ट्रेनी (प्रशिक्षु) पीरियड पर की जाएंगी। इसके बाद ही कर्मचारी नियमित माने जाएंगे।
राज्य सरकार की ओर से इस अधिनियम के प्रभाव में आने के बाद कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, भर्ती आयोगों, और जिला उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि जब तक इस कानून के विस्तृत दिशा-निर्देश नहीं जारी हो जाते, तब तक सभी प्रकार की भर्तियों की प्रक्रिया स्थगित रहेगी।
कार्मिक विभाग द्वारा जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब कोई भी विभाग या भर्ती एजेंसी किसी भी भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा सकती जब तक कि वह नए अधिनियम के अनुरूप न हो। यानी रिक्तियों की पहचान, चयन प्रक्रिया, और नियुक्ति प्रस्ताव सबकुछ अब नए कानून के नियमों के अनुसार ही तय होगा। इसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता, न्यायसंगत अवसर, और नौकरी की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
गौरतलब है कि वर्षों से प्रदेश में अनुबंध प्रणाली को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारी एक निश्चित अवधि तक सेवाएं देते थे, लेकिन उन्हें स्थायी नियुक्तियों जैसी सुविधाएं नहीं मिलती थीं। अब नए अधिनियम के तहत सरकार ने इस पूरी प्रणाली को समाप्त कर दिया है। इस बदलाव से नए नौकरी उम्मीदवारों को सीधी भर्ती के बाद प्रशिक्षण अवधि के तहत ही तय प्रक्रिया से स्थायी सेवा में लाया जाएगा।
यह फैसला हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था। उस समय सरकार ने ऐलान किया था कि अब नई भर्तियों में केवल दो वर्ष के प्रशिक्षणकाल का प्रावधान रहेगा और अनुबंध प्रणाली को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इसके बाद यह अधिनियम 20 फरवरी 2025 से राज्य में लागू हो गया।
दिलचस्प बात यह है कि इस अधिनियम के कुछ प्रावधान 12 दिसंबर 2003 से भी लागू माने गए हैं, जिससे पुराने मामलों में भी अनुबंध नियुक्तियों को हटाकर उन्हें नियमित किया जा सकेगा। इससे स्पष्ट है कि सरकार सिर्फ वर्तमान नहीं, बल्कि पूर्व में हुई भर्तियों को भी इस कानून के दायरे में लाकर उनके हित सुरक्षित करना चाहती है।
सरकार ने सभी विभागों और भर्ती एजेंसियों से आग्रह किया है कि वे इस बदलाव को गंभीरता से लें और कोई भी प्रक्रिया नए दिशा-निर्देशों के बिना शुरू न करें। साथ ही, सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए जल्द ही एक व्यापक गाइडलाइन जारी की जाएगी।