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July 24, 2025
हिमाचल में हैं ये तीन राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान, दूर-दूर से पढ़ने आते हैं बच्चे
नेचर के बीचों-बीच पढ़ाई
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के छात्र अपने ही प्रदेश में रहकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं। इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के लिए JEE की परीक्षा देनी पड़ेगी। मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए NEET की परीक्षा पास करनी होगी। अगर आप अच्छे नंबर लेकर अच्छा रैंक हासिल करते हैं तो आपको भी पहाड़ों के इन संस्थानों में पढ़ने का मौका मिल सकता है।
पूरे देश में कुल 23 IIT हैं। इनमें से एक हमारे हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में है। साल 2009 में IIT विस्तार के तीसरे चरण में IIT मंडी की स्थापना हुई थी। इस दौरान सरकार ने 8 नए IIT's को स्थापित किया था। ये संस्थान मंडी शहर से 14 किलोमीटर दूर कमांद घाटी में स्थित है। इसका परिसर उहल नदी के बाएं किनारे पर कमांद और साल्गी गांवों में स्थित है।
इस परिसर की खास बात यही है कि ये पर्यावरण और पहाड़ों के बीचों-बीच है। पढ़ाई के लिए यहां बहुत शांत माहौल है। बता दें कि IIT मंडी रिसर्च और नए आइडियाज पर बहुत ध्यान देता है। ये पहाड़ों की समस्याओं के हल निकालने की कोशिश करता है जैसे भूस्खलन और स्थानीय कृषि विकास। इस संस्थान से बच्चे बी.टेक, एम.टेक, पीएचडी और अन्य कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं।
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पूरे देश में कुल 31 NIT हैं। इनमें से एक हमारे हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में है। इसकी स्थापना साल 1986 में हुई थी। 1986 में ये REC यानि क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज था। भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार ने मिलकर इसे स्थापित किया था। बाद में साल 2002 में इसे NIT का दर्जा दिया गया।
हमीरपुर शहर से 4 किलोमीटर की दूरी पर एक जगह है अनु जहां ये संस्थान स्थित है। ये संस्थान भी पहाड़ी इलाके में है। चारों ओर देवदार के पेड़ हैं। पढ़ाई के लिए ये शांत और प्राकृतिक माहौल प्रदान करता है। सर्दियों में यहां ठीक ठंड पड़ती है तो वहीं गर्मी में पारा 40 के पार चला जाता है। इस संस्थान से भी बच्चे बी.टेक, एम.टेक, पीएचडी व अन्य कोर्स कर सकते हैं।
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पूरे देश में कुल 26 AIIMS हैं। इनमें से एक हमारे हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। साल 2017 में एम्स बिलासपुर की आधारशिला रखी गई थी। 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन कर इसे देश को समर्पित कर दिया था। ये एम्स हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में कोठीपुरा नाम की जगह पर स्थित है जो शिमला-मंडी हाईवे (NH-205) के पास है।
एम्स बिलासपुर भी पहाड़ों के बीचों-बच बसा एक ऐसा संस्थान है जहां शांतिमय माहौल में मेडिकल की पढ़ाई की जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'ग्रीन हॉस्पिटल' कहा था, जिसका अर्थ है कि इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। एम्स से MBBS, नर्सिंग, MD, Phd जैसे कोर्स किए जाते हैं।
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