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June 4, 2025

मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला: हिमाचल से शुरू होगी जातीय जनगणना, जाने कब से

एक साथ शुरू होगी जातीय और जनसंख्या गणना

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Himachal caste census

शिमला। केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश में पहली बार जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है। कंेद्र के इस ऐतिहासिक फैसले की शुरूआत हिमाचल प्रदेश से होगी। केंद्र ने हिमाचल प्रदेश सहित उत्तराखंड, जम्मू.कश्मीर और लद्दाख जातीय जनगणना की शुरूआत करने का फैसला लिया है। पहली अक्टूबर 2026 से पायलट प्रोजेक्ट के तहत जातीय और जनसंख्या जनगणना एक साथ शुरू की जाएगी। बाकी राज्यों में यह प्रक्रिया 1 मार्च 2027 से शुरू होगी।

गृह मंत्रालय दो चरणों में करवाएगा जनगणना

इस संबंध में अधिसूचना 16 जून 2025 तक भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद संबंधित राज्यों में तैयारियां जोर पकड़ेंगी। केंद्र के गृह मंत्रालय ने बुधवार को प्रेस रिलीज के माध्यम से दो चरणों में जनगणना आयोजित किए जाने की जानकारी दी।

 

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जातीय और जनसंख्या आंकड़े एक साथ होंगे इकट्ठे

इस जनगणना में न केवल जातीय समूहों की जानकारी इकट्ठा की जाएगी, बल्कि सामान्य जनसंख्या गणना भी की जाएगी, जो वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के चलते नहीं हो पाई थी। यह पहली बार है जब जातीय आधार पर व्यापक जनगणना की जा रही है।

 

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OBC को शामिल करने के लिए संशोधन जरूरी

जनगणना एक्ट 1948 के तहत अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) की गणना का प्रावधान पहले से है। लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की गणना के लिए कानूनी संशोधन आवश्यक होगा। अनुमान है कि इससे देशभर की करीब 2,650 ओबीसी जातियों के विस्तृत आंकड़े सामने आ सकेंगे। पिछली जनगणना (2011) में देश में 1,270 एससी और 748 एसटी जातियां दर्ज थीं। तब एससी आबादी 16.6% और एसटी 8.6% थी।

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राजनीतिक पृष्ठभूमि: जाति जनगणना बना राष्ट्रीय मुद्दा

जातीय जनगणना पिछले दो वर्षों से देश में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2023 में इसकी मांग को राष्ट्रीय मंच पर प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद कई राज्यों में इस पर बहस तेज हो गई थी और विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की मांग की थी। अंततः केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को जातीय जनगणना कराने का आधिकारिक ऐलान किया।

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