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June 9, 2025
हिमाचल में इस पशु का दूध बेच करोड़पति बन जाएंगे आप- बाजार के दाम सुन उड़ेंगे होश, जानें पूरी खबर
प्रदेश के डेयरी उत्पादन में बड़ा बदलाव
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शिमला। हिमाचल प्रदेश ने अपने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए देशभर में एक नई मिसाल कायम की है। राज्य सरकार ने पहली बार दूध पर MSP लागू किया है- जिससे हिमाचल अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां किसानों और पशुपालकों को दूध के बदले निश्चित न्यूनतम मूल्य की गारंटी मिल रही है।
इस निर्णय से ना केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है, बल्कि हजारों छोटे किसानों और पशुपालकों को आर्थिक संबल भी मिला है। राज्य सरकार हर दिन औसतन 2.32 लाख लीटर दूध की खरीद कर रही है, जिसमें लगभग 38,400 पशुपालक प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
गाय के दूध के लिए सरकार ने 51 रुपये प्रति लीटर का समर्थन मूल्य तय किया है, जबकि पिछले वर्ष यह दर 45 रुपये प्रति लीटर थी। इस प्रकार गाय के दूध की कीमत में 6 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
वहीं, भैंस के दूध की खरीद कीमत भी 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। भैंस पालन करने वाले 1,482 पशुपालक रोजाना औसतन 7,800 लीटर दूध सरकार को बेच रहे हैं। दूध की कीमतों में इस बढ़ोतरी से पशुपालकों को जहां सीधा लाभ मिल रहा है, वहीं राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।
राज्य के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में दूध की ढुलाई एक बड़ी चुनौती होती है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार 2 रुपये प्रति लीटर का परिवहन भत्ता भी दे रही है। इससे न केवल दुग्ध उत्पादकों की लागत कम हुई है, बल्कि दूध को बाजार तक पहुंचाने में आने वाली बाधाएं भी कम हुई हैं। यह भत्ता छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक प्रोत्साहन की तरह कार्य कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने बकरी के दूध की खरीद के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस योजना के तहत 15 बकरी पालकों से रोजाना लगभग 100 लीटर बकरी दूध खरीदा जा रहा है, जिसकी दर 70 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की गई है। यह योजना भविष्य में और अधिक विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
साथ ही दुग्ध सहकारी समितियों को भी विशेष सहयोग दिया जा रहा है। सरकार ने समितियों को मिलने वाला परिवहन भत्ता 1.50 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। राज्य की महत्वाकांक्षी ‘हिम गंगा’ योजना के तहत ग्रामीण स्तर पर डेयरी उत्पादन में संगठित बदलाव लाया गया है। इससे न केवल स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिला है, बल्कि किसानों को स्थिर आय का साधन भी मिला है।
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश द्वारा दूध पर MSP लागू करना एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिससे ग्रामीण समाज में व्यापक आर्थिक परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हिमाचल की ग्रामीण अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर बने और यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बने।" उन्होंने कहा कि प्रदेश में योजनाएं इस तरह बनाई जा रही हैं, जिससे किसानों को बाजार से बेहतर मूल्य मिले और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा हों।