#यूटिलिटी
June 21, 2025
हिमाचल पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा विवाद पर HPPSC ने दी सफाई, जानें क्या कहा
चंबा में लड़कियों ने डीसी को सौंपा था ज्ञापन, विपक्ष मांग चुका है जांच की मांग
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आयोजित हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। प्रदेश के कई हिस्सों में परीक्षार्थियों ने धांधली और नकल के आरोप लगाए हैंए विशेष रूप से चंबा और शिमला जिलों से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं। इस मामले को लेकर जहां अभ्यर्थी सोशल मीडिया और प्रशासन के पास अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे हैंए वहीं विपक्ष ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इसी बीचए प्रदेश लोक सेवा आयोग ने परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर स्थिति स्पष्ट की है।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 15 जून 2025 को आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से करवाई गई। आयोग ने बताया कि परीक्षा के आयोजन में जिला प्रशासन की मदद ली गई और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन हुआ। परीक्षा केंद्रों पर व्यापक तलाशी, सीसीटीवी निगरानी और मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया गया।
यह भी पढ़ें : "हिमाचल पुलिस भर्ती में हुई है धांधली और नकल"- लड़की ने खोली पोल, बताया परीक्षा केंद्र में क्या चल रहा था
आयोग ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स और वीडियो में परीक्षा केंद्रों पर नकल और धोखाधड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसी सभी शिकायतों की गहन जांच की जा रही है। आयोग द्वारा अब तक जिन केंद्रों की जांच की गई है, उनमें आरोपों को साबित करने वाला कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। फिर भी आयोग ने कहा है कि यदि कोई अभ्यर्थी अनुचित साधनों का इस्तेमाल करते पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चंबा जिले से यह मामला और भी गरमा गया जब परीक्षा में शामिल हुई कुछ लड़कियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें वे परीक्षा केंद्रों में नकल करवाई जाने के आरोप रोते हुए लगा रही थीं। इन लड़कियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्रों में खुलेआम नकल करने की छूट दी गई, जबकि बाकी छात्रों को परीक्षा में दबाव और असहज माहौल में बैठना पड़ा।
यह भी पढ़ें : जयराम बोले-पुलिस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई है धांधली, मामले को दबा रही सुक्खू सरकार
इन अभ्यर्थियों ने चंबा के उपायुक्त को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इस मामले की सही जांच नहीं हुई, तो यह हजारों युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
इस पूरे प्रकरण पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के ढ़ाई साल के कार्यकाल में यह पहली बड़ी भर्ती परीक्षा थी, लेकिन यह भी संदेह के घेरे में आ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और आयोग की निष्क्रियता के कारण योग्य उम्मीदवारों का हक मारा जा रहा है।
यह भी पढ़ें : जयराम ठाकुर बोले- सुक्खू सरकार में गहरी हो चुकी दरारें, आए दिन इस्तीफे की बात कर रहे मंत्री
जयराम ठाकुर ने इस परीक्षा की निष्पक्षता को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से उच्च स्तरीय या केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है, तो वह सीबीआई जांच से क्यों डर रही है।
प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं की निंदा करते हुए कहा है कि बिना किसी प्रमाण के ऐसे दावे करना न केवल अभ्यर्थियों को गुमराह करता है, बल्कि आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की साख को भी नुकसान पहुंचाता है। आयोग ने चेतावनी दी है कि झूठी सूचनाएं फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने अभ्यर्थियों से आग्रह किया है कि यदि उन्हें परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनुचित गतिविधि की शिकायत है, तो वे सीधे आयोग से संपर्क करें। आयोग ने आश्वासन दिया है कि सभी शिकायतों की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।