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April 7, 2025
हिमाचल में पानी बर्बाद करने पर बिना नोटिस कटेगा कनेक्शन, नए पर भी लगाई रोक
हिमाचल में पेयजल संकट गहराया, नए कनेक्शनों पर लगी रोक
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में गर्मियों की दस्तक के साथ ही पानी की किल्लत के संकेत मिलने लगे हैं। मार्च और अप्रैल में बारिश की कमी के चलते प्रदेश भर में जल स्रोत सूखने लगे हैं, जिसका असर अब जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं पर साफ नजर आ रहा है। हालात की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने प्रदेश में नए जल कनेक्शनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह रोक आगामी मानसून तक लागू रहेगी।
जल शक्ति विभाग ने पानी की बचत के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। पेयजल का उपयोग किचन गार्डनिंग, गाड़ियों की धुलाई या निर्माण कार्यों में करने पर बिना नोटिस कनेक्शन काटने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही सभी फील्ड स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं, ताकि सूखाग्रस्त क्षेत्रों में नियमित निगरानी सुनिश्चित की जा सके।
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वर्ष 2025 के शुरुआत से ही हिमाचल में बारिश का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है।
- मार्च में मात्र 75.5 मिमी बारिश हुई जबकि सामान्य औसत 113.4 मिमी है, यानी 33% की कमी।
- अप्रैल के पहले सप्ताह में एक भी बूंद बारिश नहीं, जबकि सामान्य औसत 15.2 मिमी होता है।
- जनवरी में 84% और मार्च से अप्रैल के बीच 41% तक कम वर्षा दर्ज की गई है।
इस वजह से नदियों, नालों और अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों में जलस्तर में तेजी से गिरावट आई है। जिससे प्रदेश की 9,000 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
जल शक्ति विभाग ने पानी की चोरी और बर्बादी पर लगाम कसने के लिए कई नए आदेश जारी किए हैं।
- पाइपलाइनों पर टुल्लू पंप लगाने पर सख्त प्रतिबंध
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- टंकियों का ओवरफ्लो होने पर तुरंत कनेक्शन काटने का आदेश
- किसी भी तरह की लीकेज की सूचना मिलने पर तत्काल सुधार कार्य
17,08,727
जिलावार नल कनेक्शनों की संख्या:
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- नए घरों का निर्माण
- परिवारों का विभाजन
- बुनियादी सुविधाओं की बढ़ती मांग
प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने बताया कि, “गर्मियों में लोगों को जल संकट से न जूझना पड़े, इसके लिए एहतियातन कदम उठाए गए हैं। नए जल कनेक्शनों पर रोक और पानी की बर्बादी पर निगरानी जैसे उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।”