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April 17, 2025
हिमाचल में ठेकेदारों ने बंद कर दिए निर्माण कार्य, सुख की सरकार से बोले-पहले पिछली पेमेंट दो
कहा-जब तक बिल क्लीयर नहीं होते, बंद रहेंगे काम
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ऊना। हिमाचल प्रदेश की खराब आर्थिक स्थित अब गंभीर रूप लेने लगी है। प्रदेश की सुक्खू सरकार काफी समय से ठेकेदारों के लंबित भुगतान को नहीं दे पाई है। जिसके चलते अब ठेकेदारों ने सभी विकास कार्य बंद कर दिए हैं। विकास कार्य बंद होने से एक तरफ जहां इन कार्यों की लागत राशि बढ़ सकती है। वहीं काम बंद होने से आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
दरअलस आज ऊना जिला के लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के ठेकेदारों ने उनकी पेमेंट का भुगतान ना होने के चलते अपने अपने सभी विकास कार्य बंद कर दिए हैं। ऐसे में प्रदेश में करोड़ों के विकास कार्यों का निर्माण रूक गया है। बड़ी बात यह है कि ठेकेदारों ने अब ऐलान कर दिया है कि जब तक उनके लंबित बिलों का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक वह इन निर्माण कार्यों को बंद ही रखेंगे।
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अकेले ऊना जिला के लोक निर्माण और जलशक्ति विभाग के ठेकेदारों के ही 200 करोड़ के बिल लंबित हैं। जिनका प्रदेश की सुक्खू सरकार करीब एक साल से भुगतान नहीं कर पाई है। ठेकेदारों को उम्मीद थी कि 31 मार्च को उनके सभी लंबित बिल क्लीयर हो जाएंगे, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ, जब प्रदेश सरकार ने 31 मार्च को भी ठेकेदारों के लंबित बिलों को क्लीयर नहीं किया।
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ठेकेदार अपने बिलों के भुगतान की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद सरकार ठेकेदारों के बिलों का भुगतान नहीं कर पा रही है। ऐसे में ठेकेदार वेल्फेयर एसोसिएश ने बीते रोज बुधवार को ऊना में जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के प्रति अपना गुब्बार निकाला। ठेकेदारों ने इससे पहले प्रदर्शन कर सरकार को 15 अप्रैल तक बिलों का भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब सरकार ने तय तिथि तक भी उनके बिलों का भुगतान नहीं किया तो नाराज ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ अब संघर्ष का बिगुल बजा दिया है।
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ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान अशोक ठाकुर, ओपी धीमान, राकेश लट्ठ, संत कुमार, रम्मी कपिला, मनीष कपिला, राज कुमार, विकास शर्मा, आकाश कुमार ने कहा कि ठेकेदारों ने बैंक से लोन लेकर और गहने गिरवी रख कर विकास कार्यों को पूरा किया था। उन्हें उम्मीद थी कि काम खत्म होते ही उन्हें उनके पैसे मिल जाएंगे। लेकिन लंबे समय से सरकार ने उनके बिलों का भुगतान नहीं किया। अब बैंक वाले परेशान कर रहे हैं।
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इसी तरह से जल शक्ति विभाग में लगी गाड़ी के मालिक ने बताया कि उन्हें पिछले 9 माह से एक भी पैसा नहंी मिला है। गाड़ी के मालिक मुकेश ने बताया कि विभाग के पास उनका करीब 7 लाख रुपए फंसे हुए हैं। पैसे ना मिलने से वह ना तो गाड़ी की किस्तें दे पा रहा है और ना ही चालक का वेतन। पेट्रोल पंप वाले भी उसे तंग करने लगे हैं।