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March 24, 2025

सुक्खू सरकार की मजबूरी: केंद्र ने नहीं दिया पैसा तो अपनी योजनाओं का भी बजट घटाया

2300 करोड़ से अधिक की कमी का सीधा असर विकास पर पड़ेगा 

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PM Modi And CM Sukhu

शिमला। हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से से राजस्व घाटा अनुदान के रूप में मिलने वाली राशि अगले वित्त वर्ष में 3 हजार करोड़ रुपए कम मिलेगी। इसे देखते हुए सुक्खू सरकार ने इस साल के बजट में पहली बार योजनाओं पर खर्च की जाने वाली राशि बढ़ाने की जगह 2300 करोड़ रुपए कम कर दी है।


इसका मतलब यह हुआ कि हिमाचल सरकार ने कई विभागों के बजट में इस साल कम राशि आवंटित की है। इसका असर प्रदेश के विकास पर पड़ने वाला है। बजट दस्तावेजों के अनुसार राज्य सरकार ने प्रदेश की वार्षिक योजना के खर्च में 2354.61 करोड़ की कमी की है। केंद्र सरकार से नहीं मिलने वाले पैसे को देखते हुए यह कटौती की गई है।

 

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...वरना राजस्व घाटा बढ़ जाता

बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.1 प्रतिशत है। वित्तीय प्रबंधन के नियमानुसार राजस्व घाटा जीडीपी के 3 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। सरकारें अमूमन इस घाटे की भरपाई के लिए बाहर से कर्ज लेती हैं, लेकिन वह भी 3 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता। इसके लिए भारत सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। अगर सुक्खू सरकार ने वार्षिक योजना के बजट में कटौती नहीं की होती तो राजस्व घाटा और बढ़ जाता।

कम हुआ विभागीय आवंटन

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार की वार्षिक योजना का आकार यानी वार्षिक परिव्यय 9989.49 करोड़ रुपये था। हिमाचल सरकार हर बजट में इस राशि को बढ़ाती रही है। लेकिन पहली बार इस साल के बजट में इस राशि को कम करना पड़ा है। यानी मौजूदा वित्त वर्ष में इसका आकार 7634.88 करोड़ रुपये ही रखा गया है।

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बजट में सबसे ज्यादा 1618.27 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक मामलों का कल्याण और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए का प्रावधान रखा गया है। इसके बाद सड़क, परिवहन, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन के लिए 1522.45 करोड़ रुपये का बजट है। विद्युत के लिए 838.72 और स्वास्थ्य व आयुर्वेद के लिए 490.69 रुपए का बजट तय किया गया है।

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इस तरह रहेगा वार्षिक परिव्यय

इस साल के बजट में बिजली विभाग को 838.72 करोड़, सड़क, परिवहन, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग को 1522.45, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण 201.58, जलापूर्ति 499.71, प्रारंभिक शिक्षा 182.79, उच्च शिक्षा 243.20, स्वास्थ्य और आयुर्वेद 490.69, कृषि एवं संबद्ध कार्यक्रमों के लिए 616.49, ग्रामीण विकास 317.95, सामान्य आर्थिक सेवाएं 545.46, अनुसूचित जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक मामलों का कल्याण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 1618.27 करोड़, महिला एवं बाल विकास पोषण पर 311.12 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।

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