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July 26, 2025

सुक्खू सरकार ने फिर लिया एक हजार करोड़ का कर्ज, 5 माह में ही ले लिया 2500 करोड़ लोन

1 लाख 5200 करोड़ के कर्ज में डूबा हिमाचल

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SM Sukhu Loan

शिमला। हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का पहाड़ लगातार बढ़ रहा है। कभी प्राकृतिक आपदा और कभी विकास के नाम पर प्रदेश की सरकारें कर्ज का घी पी रही हैं। प्रदेश सरकार कर्ज के घी से हिमाचल में विकास के रथ को दौड़ाने का प्रयास कर रही है। सरकार को हर महीने पेंशन और वेतन जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी कर्ज का सहारा लेना पड़ रहा है।  आलम यह है कि हिमाचल में कर्ज का यह बोझ एक लाख करोड़ से कहीं अधिक हो गया है। इस सब के बीच अब एक बार फिर प्रदेश की सुक्खू सरकार एक बड़ा कर्ज लेने जा रही है। जिसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

एक हजार करोड़ का कर्ज ले रही सुक्खू सरकार

आपदा से घिरी सुक्खू सरकार अब एक बार फिर एक हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। जिसकी अधिसूचना सरकार 24 जुलाई 2025 को जारी कर दी है। इस अधिसूचना के अनुसार  1000 करोड़ रुपए का यह कर्ज सरकारी प्रतिभूतियों के रूप में 22 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। यानी की सरकार को यह कर्ज 22 साल में चुकाना होगा।

 

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30 जुलाई को खाते में आएगा पैसा

इसी माह की 29 जुलाई को आरबीआई इस रकम की ऑक्शन करेगा और उसके अगले दिन यानी 30 जुलाई को यह पैसा हिमाचल सरकार के खजाने में जमा हो जाएगा। बता दंे कि प्रदेश की सुक्खू सरकार ने इससे पिछले माह यानी जून में भी 800 करोड़ का कर्ज लिया था। अब उसके अगले ही माह यानी जुलाई में भी एक हजार करोड़ का कर्ज लिया जा रहा है। 
पांच महीने में 2500 करोड़ का कर्ज

पांच माह में 2500 करोड़ का लिया कर्ज

बड़ी बात यह है कि केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए हिमाचल प्रदेश को कुल 6,200 करोड़ रुपए तक कर्ज लेने की अनुमति दी है। इनमें से अब तक 5,200 करोड़ रुपए का ऋण लिया जा चुका है, जिसमें यह ताजा 1000 करोड़ भी शामिल है। अप्रैल में 900 करोड़, जून में 800 करोड़, मार्च में दो बार 337 करोड़ और 322 करोड़ रुपए के कर्ज पहले ही उठाए जा चुके हैं।

 

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पेंशन-सैलरी का गहराएगा संकट

राज्य सरकार हर महीने वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करती है। लेकिन इस वक्त हालात ऐसे हैं कि कर्मचारियों को उनका बकाया डीए तक मिलना मुश्किल हो गया है। सरकार का तर्क है कि वर्तमान समय आपदा राहत और पुनर्वास का है, ऐसे में 3 % डीए जारी करना फिलहाल संभव नहीं है। कर्मचारी संगठनों में इससे रोष व्याप्त है।

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अब तक 1 लाख 5200 करोड़ का कर्ज

मार्च 2023 तक राज्य पर कुल कर्ज 76,185 करोड़ रुपए था। लेकिन बीते दो वर्षों में यह आंकड़ा बढ़ते-बढ़ते अब 1 लाख 5200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा एक.दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। कांग्रेस का आरोप है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने खाली खजाना छोड़ा, वहीं भाजपा का दावा है कि सुक्खू सरकार ने कर्ज लेकर सिर्फ व्यवस्था चलाने की कोशिश की है, न कि विकास का कोई नया खाका तैयार किया।

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