#राजनीति
July 26, 2025
'ऊपर इंदर - नीचे सुखविंदर' जनता दोनों से परेशान है- राजा बदलने की जरूरत
सत्ती बोले- राजा के ग्रह जनता पर भारी, ऐसे में राजा को बदलने की जरूरत
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बावजूद सियासत की गर्मी बढ़ती जा रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा खोल रखा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और प्रदेश के सीएम को ही बदलने की मांग कर दी है।
राजधानी शिमला में आज सतपाल सिंह सत्ती ने सीएम सुक्खू पर तंज कसते हुए कहा कि - "ऊपर इंद्र- नीचे सुखविंदर" के प्रकोप से जनता परेशान हो चुकी है। उन्होंने अपनी स्थानीय बोली में कहा कि जनता के ग्रह माड़े (खराब) हों तो वह राजा पर भारी पड़ते हैं, लेकिन जब राजा के ग्रह ही खराब हो तो उसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। हिमाचल में बनी कांग्रेस सरकार के राजा (सीएम सुक्खू) के ग्रह भी जनता पर भारी पड़ रहे हैं। ऐसे में अब राजा को ही बदलना पड़ेगा।
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सत्ती ने कहा कि प्रदेश में पिछले दो से तीन सालों से लगातार बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे प्रदेश में जान माल का भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने सीएम पर आरोप लगाया कि आपदा में भी केंद्र हिमाचल की हर मदद कर रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार हर बार केंद्र को कोसने का काम करती है।
सत्ती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद से भाजपा विधायकों के क्षेत्रों के साथ भेदभाव हो रहा है। कांग्रेस सरकार आपदा की आड़ में जनविरोधी निर्णयों को लागू कर रही है। सत्ती ने थुनाग क्षेत्र से हॉर्टिकल्चर कॉलेज को शिफ्ट करने के निर्णय को पूर्वनियोजित और क्षेत्रीय भेदभाव का उदाहरण बताया।
सत्ती ने कहा कि कॉलेज को बंद करने से आक्रोशित लोगों ने जब राजस्व मंत्री के दौरे के समय विरोध प्रदर्शन किया, तो सरकार ने 60 लोगों पर एफआईआर दर्ज कर दी। उन्होंने कहा कि यह सरकार की लोकतांत्रिक भावनाओं के प्रति असहिष्णुता को दर्शाता है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में आपदाएं आती हैं, लेकिन क्या हर जगह दफ्तरों और संस्थानों को बंद कर दिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि कॉलेज की इमारत पूरी तरह सुरक्षित है और वहां शिक्षा कार्य जारी रह सकता था, लेकिन सरकार ने जनता की भावनाओं की अनदेखी करते हुए कॉलेज को शिफ्ट कर दिया।
ऊना के पेखुबेला में 240 करोड़ रुपए की लागत से बने पावर प्रोजेक्ट को लेकर भी सत्ती ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट अब चार फीट पानी में डूबा हुआ है और कंपनी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। निर्माण कार्य ठप होने की कगार पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना उचित मूल्यांकन के वॉटर लॉगिंग वाले क्षेत्र में यह प्रोजेक्ट शुरू कियाए जिससे अब यह जनता की गाढ़ी कमाई को डुबो रहा है।
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ती गौ-तस्करी पर चिंता जताते हुए सत्ती ने कहा कि दिन-दहाड़े फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं और गौ-तस्करी जैसे संगीन अपराध खुलेआम हो रहे हैं। उन्होंने स्वारघाट की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि एक टैंकर में गाय और बैल भरकर जम्मू-कश्मीर ले जाया जा रहा थाए जो कि कानून व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है।