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July 24, 2025

हिमाचल में इस गंभीर बीमारी ने दी दस्तक, IGMC में महिला की रिपोर्ट आई पॉजिटिव; मचा हड़कंप

डॉक्टरों ने दी सावधानी बरतने की सलाह

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IGMC Shimla

शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस समय बरसात का मौसम चल रहा है। बरसात का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। जिसमें सर्दी जुकाम बुखार के अलावा भी कई बीमारियां होती हैं। लेकिन इन सभी से हटकर एक और बीमारी है तो इस सीजन में जानलेवा साबित होती है। इस बीमारी ने हिमाचल में अपनी दस्तक भी दे दी है। यह बीमारी स्क्रब टायफस है। राजधानी शिमला से इस सीजन का पहला स्क्रब टायफस का मामला सामने आया है। एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।     

32 वर्षीय महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव 

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में  स्क्रब टायफस का ये पहला केस है। बुधवार को जांच के लिए भेजे गए आठ संदिग्ध नमूनों में से एक 32 वर्षीय महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। रिकॉर्ड के अनुसार हिमाचल में दो साल पहले स्क्रब टायफस के 973 मामले सामने आए थे। कुछ लोगों की इस बीमारी से मौत भी हुई थी।

 

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डॉक्टरों ने दी सावधानी बरतने की सलाह

जानकारी के अनुसार आईजीएमसी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ राहुल रॉय ने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है और उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। उन्होंने लोगों को बारिश के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। डॉक्टरों के अनुसार स्क्रब टायफस एक गैर.संक्रामक रोग है और साफ-सफाई से इसकी रोकथाम संभव है। 

क्या है स्क्रब टायफस

स्क्रब टायफस एक बैक्टीरिया जनित रोग है, जो रिकिटेशिया नामक जीवाणु से संक्रमित पिस्सुओं के काटने से फैलता है। ये बहुत छोटे.छोटे कीड़े होते हैं, जो ज्यादातर घास, झाड़ियों, चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे जानवरों के शरीर पर होते हैं। इसे बुश टाइफस भी कहा जाता है। 

 

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कैसे फैलता है स्क्रब टायफस

बता दें कि ये बीमारी कीड़े के काटने के अलावा ये बैक्टीरिया कीड़े के मल के कॉन्टेक्ट में आने से भी मनुष्य के शरीर में फैल सकते हैं। साथ ही जहां पर जूं या कीट ने काटा है, उस जगह को खुरचने या खुजली करने पर भी स्किन के संपर्क में आए बैक्टीरिया आपके खून तक पहुंच सकते हैं। बिना टेस्ट किया हुआ खून चढ़ाने या फिर इन्फेक्टेड सूई का इस्तेमाल करने से भी ये बैक्टीरिया शरीर के अंदर पहुंच सकते हैं।

स्क्रब टायफस से बचाव के उपाय

  • साफ.सफाई रखें, घर और आसपास के वातावरण की साफ.सफाई रखें।
  • कीटनाशक का छिड़काव करें, नियमित कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
  • शरीर ढककर रखें, खेतों में काम करते समय शरीर, विशेषकर टांगे, पैर और बाजू ढककर रखें।
  • समय पर इलाज कराएं, लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।

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