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June 6, 2025

हिमाचल के डिपुओं में महंगा मिलेगा रिफाइंड तेल- चने की दाल राशन लिस्ट से बाहर; जानें पूरी खबर

अगले हफ्ते से मिलना शुरू हो जाएग रिफाइंड

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Himachal Ration Depots Refined Oil

शिमला। हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड धारकों के लिए काम की खबर है। राशनकार्ड धारकों को डिपुओं से अब सरसों तेल के साथ-साथ एक बार फिर रिफाइंड भी मिलेगा। जिससे आम जनता ही रसोई में भी स्वाद का तड़का लगेगा। मगर इसके लिए जनता को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।

डिपुओं पर मिलेगा रिफाइंड

डिपुओं पर मिलने वाले रिफाइंड के दाम बढ़ा दिए गए हैं। उपभोक्ताओं को डिपुओं में रिफाइंड इसी महीने से मिलना शुरू हो जाएगा, लेकिन नए दामों में। इससे प्रदेशभर के उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जो सीमित आय के आधार पर अपने घरेलू बजट को संभालते हैं।

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महंगा हुआ रिफाइंड तेल

बताया जा रहा है कि  खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा पूरी की गई नई टेंडर प्रक्रिया के अनुसार रिफाइंड तेल के दामों में 37 से 42 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की गई है। रिफाइंड तेल के दाम बढ़ने का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

कितने रुपए हुआ महंगा?

पहले जहां BPL, APL और NFSA श्रेणी के उपभोक्ताओं को यह तेल 97 रुपये प्रति लीटर और आयकरदाताओं को 102 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिल रहा था। अब BPL, APL और NFSA के लिए इसकी कीमत बढ़कर 134 रुपये और आयकरदाता के लिए 144 रुपये प्रति लीटर हो गई है।

 

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छह से आठ महीने बाद तेल की आपूर्ति

उल्लेखनीय है कि डिपुओं में रिफाइंड तेल की आपूर्ति लगभग छह से आठ महीने बाद हो रही है। कई जिलों में सितंबर 2024 और कुछ में जनवरी 2025 के बाद से रिफाइंड तेल नहीं मिला था। इस महीने प्रदेश के सभी जिलों में फिर से इसकी आपूर्ति शुरू की जा रही है। यह आपूर्ति फिलहाल केवल एक महीने के लिए सुनिश्चित की गई है। अगर मांग और स्थिति के अनुसार जरूरी हुआ तो आगे के लिए भी आपूर्ति प्रक्रिया बढ़ाई जा सकती है।

नहीं मिलेगी चने की दाल

इस बार डिपो में उपभोक्ताओं को चने की दाल भी नहीं मिलेगी, जो पहले दो किलो तक लेने का विकल्प दिया जाता था। इससे विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को झटका लग सकता है, जो सब्सिडी वाले राशन के सहारे अपनी जरूरतें पूरी करते हैं।

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क्यों महंगा हुआ तेल?

खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि रिफाइंड तेल की कीमतें बढ़ने के पीछे मुख्य कारण 27.5% की कस्टम ड्यूटी है, जिससे आयातित तेल महंगा हो गया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बाज़ार की तुलना में डिपुओं में यह तेल अब भी 10 से 12 रुपये प्रति लीटर सस्ता उपलब्ध होगा।

 

उन्होंने बताया कि इस बार कांगड़ा जिले में 1136 उचित मूल्य की दुकानों में रिफाइंड तेल की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा चंबा, हमीरपुर सहित अन्य जिलों में भी खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऑर्डर भेज दिए हैं। इस बार हर राशन डिपो में तेल बढ़े हुए रेट पर ही मिलेगा।

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डिपुओं से मिल रहा लाभ

बता दें कि हिमाचल में इस समय 19 लाख से अधिक राशन कार्ड उपभोक्ता हैं। राशनकार्ड धारकों को प्रदेश सरकार की ओर से बहुत सारी चीजें कम दामों में दी जाती हैं। जैसे कि-

  • मलका दाल
  • माश दाल
  • दाल चना
  • दो लीटर सरसों तेल
  • चीनी
  • नमक
  • चावल
  • आटा

जेब पर सीधा असर

वहीं, लोगों का कहना है कि डिपुओं में रिफाइंड तेल की आपूर्ति का फिर से शुरू होना जहां एक राहत की खबर है, वहीं बढ़ी कीमतें उपभोक्ताओं के लिए चिंता का कारण बन गई हैं। पहले की तुलना में तीन गुना अधिक कीमत चुकानी होगी, जो विशेष रूप से निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों के बजट को प्रभावित कर सकती है।

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