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June 5, 2025

विमल नेगी मामला: SP संजीव गांधी को हाईकोर्ट से राहत, सुक्खू सरकार सहित इन्हें जारी किया नोटिस

हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेशों में दखल देने से किया इंकार

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Vimal Negi case Himachal high court

शिमला। हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित विमल नेगी मौत मामले में शिमला के तत्कालीन एसपी संजीव गांधी को हाईकोर्ट से आंशिक राहत जरूर मिली है, लेकिन कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीबीआई जांच पर कोई दखल नहीं दिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने प्रतिष्ठा को बचाने की दलील स्वीकारी

हाईकोर्ट ने संजीव गांधी द्वारा दायर लेटर्स पेटेंट अपील पर सुनवाई करते हुए माना कि 23 मई को सिंगल बेंच द्वारा दिए गए फैसले में संजीव गांधी और शिमला पुलिस की एसआईटी पर कुछ टिप्पणियां की गई थीं, जिनसे उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस दलील को स्वीकार किया कि उन्हें अपनी बात रखने और एसआईटी जांच रिपोर्ट की पूरी व्याख्या करने का अवसर नहीं मिला। हालांकि, अदालत ने यह भी दो टूक कह दिया कि विमल नेगी केस की जांच सीबीआई के हवाले करने के आदेशों में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। यानी इस हाई प्रोफाइल केस की आगे की जांच अब पूरी तरह सीबीआई ही करेगी।

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याचिका में लगाए गए आरोप

एलपीए में संजीव गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि डीजीपी ने बिना सूचना दिए एक पक्षपाती रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी, जो तथ्यों से परे थी। उनके वकील एडवोकेट संजीव भूषण ने कहा कि सिंगल बेंच के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि इसमें गांधी और एसआईटी के अन्य सदस्यों के खिलाफ कुछ अनुचित टिप्पणियां की गईं, जो कि मेलाफाइड रिपोर्ट पर आधारित थीं।

केस की अगली सुनवाई और नोटिस

कोर्ट ने मामले में सरकार और उन सभी पक्षों को नोटिस जारी किए हैं, जिन्हें संजीव गांधी ने एलपीए में पार्टी बनाया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। बता दें कि संजीव गांधी ने बीते सोमवार को हिमाचल हाईकोर्ट में एलपीए दायर कर मांग की थी कि विमल नेगी मौत मामले की पूरी जांच हाईकोर्ट की देखरेख में की जाए। संजीव गांधी ने सरकार समेत पॉवर कॉरपोरेशन, सीबीआई, विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी, डीजीपी और गृह मंत्रालय को भी पार्टी बनाया था। आज हिमाचल हाईकोर्ट ने इस सभी को नोटिस जारी किए हैं।

 

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हरिकेष मीणा को 16 जून तक राहत

वहीं, इस मामले से जुड़ी एक और अहम सुनवाई में IAS अधिकारी हरिकेष मीणा की गिरफ्तारी पर भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने उन्हें 16 जून तक अग्रिम जमानत की राहत दी है। अब चूंकि केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, इसलिए इस मामले में अब राज्य सरकार की जगह CBI पार्टी होगी। हरिकेष मीणा उस समय हिमाचल पावर कॉरपोरेशन के एमडी थे, जब इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। नेगी के परिजनों ने मीणा पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं।

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क्या है मामला?

इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में शुरूआती जांच शिमला पुलिस की एसआईटी ने की थी। लेकिन जांच को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा। 23 मई को कोर्ट की सिंगल बेंच ने इस केस की जांच CBI को सौंपने के आदेश दिए। इसके बाद सरकार ने इन आदेशों को चुनौती नहीं दी, लेकिन तत्कालीन एसपी संजीव गांधी ने व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दाखिल की।

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